पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण
सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष

पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण

पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए
temple venue
रामेश्‍वरम धाम, रामनाथपुरम, तमिलनाडु
pooja date
2 अक्टूबर, बुधवार, महालया अमावस्या
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम विशेष पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए किए जाने वाले सभी अनुष्ठानों के लिए सबसे शुभ माना गया है। पितृ पक्ष के दौरान पड़ने वाली हर तिथि का अपना अलग विशेष महत्व है, जिसमें से एक है अमावस्या तिथि। इसे सर्वपितृ अमावस्या या महालया अमावस्या भी कहते हैं। पितृ पक्ष के दौरान पड़ने वाली यह अंतिम तिथि सबसे शुभ मानी जाती है। इस तिथि पर उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जा सकता है जिनकी मृत्यु तिथि आपको ज्ञात नहीं हो, या पितृ पक्ष के दौरान भूलवश आप जिन पूर्वजों का श्राद्ध न कर पाए हों। कहा जाता है कि महालया अमावस्या तिथि पर सभी पूर्वज अपने घर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, यदि पितरों का ठीक प्रकार से श्राद्ध न किया जाए तो उनके वंशजों को पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है। पितृदोष के कारण जीवन में आर्थिक हानि, पारिवारिक क्लेश और स्वास्थ्य से संबधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। माना जाता है कि पितृ पक्ष की अंतिम तिथि महालया अमावस्या पर पितृ दोष शांति महापूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और पारिवारिक क्लेश भी समाप्त हो जाता है।

हिंदु धर्म में भगवान शिव की पूजा को सभी दोषों से मुक्ति का मार्ग माना गया है। यही कारण है कि रावण को हराने के बाद भगवान राम ने भी रामेश्वरम में भगवान शिव की पूजा की थी। आध्यात्मकि दृष्टि से रामेश्वरम मंदिर का विशेष महत्व है, क्योंकि यहां भगवान शिव को रामनाथस्वामी लिंगम के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर भगवान शिव के बारह पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, मंदिर में 22 पवित्र जल तीर्थ हैं, जहाँ भक्त स्नान कर अपने पापों की क्षमा माँगते हैं। कहा जाता है कि रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद, भगवान राम और देवी सीता ने यहाँ रेत से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की विशेष पूजा की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव और देवी पार्वती ने उन्हें आशीर्वाद दिया, जिससे उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिली। इसी कारणवश रामेश्वरम मंदिर को पितृ दोष शांति पूजा के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जात है। मान्यता है कि यहां पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। इसलिए पितृ दोष की अंतिम और सबसे शुभ तिथि महालया अमावस्या पर रामेश्वरम मंदिर में पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और पूर्वजों की आत्मा की शांति और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए
कई बार पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे कितना भी प्रयास कर लें, कोई भी काम सफल नहीं होता है। शास्त्रों के अनुसार, जब तक आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती तब तक आप प्रगति नहीं कर सकते। हिंदु धर्म में पितृ दोष निवारण के लिए पितृ दोष शांति महापूजा का विधान है। माना जाता है कि पितृ पक्ष की अंतिम तिथि महालया अमावस्या पर रामेश्वरम में यह पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका दिव्य आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए
कई बार कुछ घरों में पारिवारिक क्लेश कि कोई ठोस वजह तो नहीं होती, लेकिन घर पर हमेशा ही तनाव का माहौल बना रहता है। घर में क्लेश होने का एक कारण पितृ दोष को भी माना गया है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान महालया अमावस्या तिथि पर रामेश्वरम में यह पूजा करने से पितृ दोष शांति पूजा एवं तिल तर्पण करने से पारिवारिक क्लेश से मुक्ति मिलती है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
कहा जाता है कि पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति के आस-पास नकारात्मक ऊर्जाएं एकत्र हो जाती है। इन नकारात्मक ऊर्जाओं के कारण व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता लगभग समाप्त हो जाती है और व्यक्ति अनावश्यक कदम उठाने लगता है। मान्यता है कि महालया अमावस्या तिथि पर रामेश्वरम में पितृ दोष शांति महापूजा करने से नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एवं गंगाजल

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल प्राप्त करें।

रामेश्‍वरम धाम, रामनाथपुरम, तमिलनाडु

रामेश्‍वरम धाम, रामनाथपुरम, तमिलनाडु
सनातन धर्म में रामेश्वरम (रामेश्वर) का विशेष महत्व है। सुरम्य द्वीप पर बसा यह स्थान अपने प्राचीन मंदिरों और पवित्र स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, जो दुनिया भर से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। रामेश्वर के मुख्यता भगवान शिव की रामनाथस्वामी लिंगम के रूप में पूजा की जाती है। यह ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रतिष्ठित ज्योतिर्लिंगों में से एक है। रामेश्वरम का महत्व केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं है, बल्कि इसका संबंध कई पौराणिक कथाओं से भी जुड़ा हुआ है। रामायण के अनुसार, रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम और देवी सीता ने यहाँ रेत से एक शिवलिंग बनाकर अपनी शुद्धि के लिए विशेष पूजा की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव और देवी पार्वती ने उन्हें आशीर्वाद दिया था, जिससे वह पाप मुक्त हो सके। इसी कारणवश रामेश्वरम को दोष शांति पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। तीर्थयात्री यहाँ आकर आध्यात्मिक शांति और मुक्ति की प्राप्ति के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। रामेश्वरम के मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक हैं, जो भक्ति और तपस्या की कथाओं का प्रतिध्वनित करती हैं।

रामेश्वरम की एक अनोखी विशेषता यह है कि यहाँ भगवान शिव और भगवान राम दोनों की उपस्थिति है। यहाँ स्थित अग्नि तीर्थम जैसे पवित्र जल निकायों में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। माना जाता है कि इन निकायों का पवित्र जल आत्मा को शुद्ध करता है और मोक्ष की प्राप्ति में सहायता करता है। रामेश्वरम में किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है पितृ दोष पूजा। हिंदू मान्यता के अनुसार, पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती। यह दोष वंशजों के जीवन में विभिन्न बाधाओं का कारण बन सकता है। माना जाता है कि रामेश्वरम में पितृ दोष पूजा करने से इन समस्याओं से राहत मिलती है। यहाँ के 22 पवित्र तीर्थों में स्नान कर और पूजा-अर्चना कर भक्त अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति में सहायता मिलती है और उनके अपने जीवन में भी शांति और समृद्धि आती है।

पूजा का चयन करें

901

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

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