दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा
देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष

नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा

दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए
temple venue
गंगा घाट, हरिद्वार, उत्तराखंड
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए देव उठनी एकादशी विष्णु पितृ आदिपति विशेष नारायण बलि, नागबलि और पितृ शांति महापूजा

देव उठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भगवान विष्णु के चार महीनों की योगनिद्रा से जागरण का प्रतीक है। इस चार महीने के काल को चातुर्मास कहा जाता है, जो शयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक चलता है। देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा का महत्व है, जिन्हें पितरों के अधिपति के रूप में भी पूजा जाता है। इस दिन पितृ दोष को शांत करने के लिए नारायण बलि पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि पितृ दोष को पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और उनके नकारात्मक कर्मों का परिणाम माना जाता है, जो परिवार में आर्थिक कठिनाइयाँ, रिश्तों में तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। इस दोष को दूर करने के लिए नारायण बलि पूजा की जाती है, और इसे नाग बलि पूजा के साथ किया जाता है, जो सर्पहत्या जैसे पापों के निवारण में सहायक मानी जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इन दोनों पूजा को एक साथ करने पर इनका प्रभाव अधिक होता है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने बताया है कि पवित्र नदियों के तट पर अनुभवी पंडितों द्वारा इन विशेष अनुष्ठानों का संपादन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि देव उठनी एकादशी पर नारायण बलि, नाग बलि, और पितृ शांति महापूजा करने से पूर्वजों को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है और उन्हें भगवान विष्णु के धाम में स्थान प्राप्त होता है।

शास्त्रों के अनुसार, इन अनुष्ठानों से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है और वे संतुष्ट होकर अपने परिवार पर आशीर्वाद बरसाते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, वे आत्माएँ जिन्होंने अकाल मृत्यु का सामना किया हो या जिनकी मृत्यु अप्राकृतिक रही हो, वे अशांत रहती हैं और जीवित परिजनों को परेशानियाँ पहुँचाती हैं। इस दिन महापूजा करना इन आत्माओं को शांति प्रदान करता है और परिवार को पितृ दोष के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है। हरिद्वार के गंगा घाट पर इन अनुष्ठानों का विशेष महत्व है, जहाँ नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा करने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है। उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। पितृ दोष और सर्पहत्या जैसे पापों को दूर करने के लिए ये अनुष्ठान आवश्यक माने जाते हैं। इस देव उठनी एकादशी पर श्री मंदिर के माध्यम से इस महापूजा में सम्मिलित होकर अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करें। यह अनुष्ठान न केवल पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है, बल्कि परिवार में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है।

पूजा लाभ

puja benefits
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए
कई बार पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे कितना भी प्रयास कर लें, कोई भी काम सफल नहीं होता है। शास्त्रों के अनुसार, जब तक आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती तब तक आप प्रगति नहीं कर सकते। हिंदु धर्म में पितृ दोष से मुक्ति के लिए नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा का विधान है। माना जाता है कि देवउठनी एकादशी पर हरिद्वार के गंगा घाट में यह पूजा करने से दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है और उनका दिव्य आशीष प्राप्त होता है।
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पितृ दोष को दूर करने के लिए
मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा करने से वंशजों के जीवन में कठिनाइयों का कारण बनने वाले पैतृक श्रापों को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही पितृ दोष के कारण उत्पन्न बाधाओं को भी दूर किया जा सकता है। मान्यता है कि इस पूजा के माध्यम से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।
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पारिवारिक एकता के लिए
कई बार कुछ घरों में पारिवारिक क्लेश कि कोई ठोस वजह तो नहीं होती लेकिन हमेशा ही तनाव का माहौल बना रहता है। कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि अलगाव तक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। घर में क्लेश होने का एक कारण पितृ दोष भी माना गया है। मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर इस पूजा को करने से पारिवारिक क्लेश से मुक्ति मिल सकती है और एकता का भाव जागृत किया जा सकता है।

पूजा प्रक्रिया

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नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

गंगा घाट, हरिद्वार, उत्तराखंड

गंगा घाट, हरिद्वार, उत्तराखंड
पूरे विश्व में हरिद्वार, एक तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है, इसे कुंभ नगरी के नाम से भी जाना जाता है। महाकुंभ के दौरान हजारों लाखों की संख्या में देश-विदेश से लोग गंगा में डुबकी लगाने आते हैं। वहीं, हरिद्वार में कुछ प्राचीन घाट भी हैं जिनकी मान्यता प्राचीन ग्रंथों में भी लिखी हुई है। शास्त्रों में नारायण बलि का मुख्य उद्देश्य पितृदोष निवारण करना और नागबलि का उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना बताया गया है।

श्री गंगा घाट पर इस पूजा को करने से पितृ दोष का निवारण होता है। मान्यता है कि यहां पूरे रीति-रिवाजों के नारायण बलि पूजा आत्मा को शुद्धि प्रदान करते हैं। हरिद्वार में हो रही नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा करने से पितरों को शांति मिलती है और कुंडली से पितृ दोष की समस्त नकारात्मकताएं भी दूर हो जाती हैं।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
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शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
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कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

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जय राज यादव

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लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
Sarvjeet Singh

Sarvjeet Singh

21 November, 2024

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दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद भगवान सभी पर अपनी कृपा और आशीर्वाद कृपा बनाए रखें।


Prashant Chandra Bhushan

Prashant Chandra Bhushan

21 November, 2024

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काफी अच्छा रहा है।पूजा का experience. Time to time update milte rahata hai, puja me hamara naam or gotra liya gaya tha, video dekh kar acha laga. Thanku Stimandir 🙏🙏


ZULEKHA and Rashida Talib

ZULEKHA and Rashida Talib

21 November, 2024

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Namskar aap Shri Sri Mandir ke sabhi pandit ji aur jobhi is seva me samil hai mera pranam svikar kariye. Mai aap ke Sri Mandir seva ka dhniyvad karti hoo jo Ghar baithe Puja bhi ho gai,mere mahadev kaa aashirvad bhi gharbaithe Prasad zariye mil gaya aap ne jobhi bheja hai bahot achcha hai. Dhaniyvad aap sabhi kaa.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों