पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा
पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा
पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा
पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा
पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा
पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा
पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा
पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा
श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष

पितृ दोष शांति महापूजा

पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए
temple venue
गंगा घाट, गंगोत्री धाम, उत्तराखंड
pooja date
1 अक्टूबर, मंगलवार, श्राद्ध चतुर्दशी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

पूर्वजों की आत्मा की शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए श्राद्ध चतुर्दशी गंगोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए की सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से चतुर्दशी तिथि एक है। इसे श्राद्ध चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु हिंदु पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि पर हुई हो। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, यदि पितरों का ठीक प्रकार से श्राद्ध न किया जाए तो उनके वंशजों को पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है। पितृदोष के कारण जीवन में आर्थिक हानि, पारिवारिक क्लेश जैसे कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर पितृ दोष शांति महापूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और पारिवारिक क्लेशों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

यदि यह पूजा किसी धार्मिक स्थान पर की जाए तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। धार्मिक पुराणों में पवित्र गंगोत्री धाम का विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक कथानुसार, गंगोत्री धाम वह स्थान है जहां राजा भगीरथ की तपस्या के बाद मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं और भगवान शिव ने मां गंगा को अपनी जटाओं में धारण करके उनके प्रवाह को शांत किया था। माना जाता है कि पवित्र गंगोत्री धाम में पितृ दोष शांति महापूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए पितृ पक्ष की श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर उत्तराखंड के गंगोत्री धाम में पितृ दोष शांति महापूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में भाग लें और अपने पूर्वजों के साथ मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए
कई बार पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे जितना भी प्रयास कर लें, कोई भी काम सफल नहीं होता है। शास्त्रों के अनुसार, जब तक आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती तब तक आप प्रगति नहीं कर सकते। हिंदु धर्म में पितृ दोष निवारण के लिए पितृ दोष शांति महापूजा का विधान है। माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर गंगोत्री धाम में यह पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए
कई बार कुछ घरों में पारिवारिक विवादों कि कोई ठोस वजह तो नहीं होती, लेकिन हमेशा ही तनाव का माहौल बना रहता है। घर में विवाद होने का एक कारण पितृ दोष भी माना गया है। माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर गंगोत्री धाम में पितृ दोष शांति महापूजा करने से पारिवारिक विवादों से मुक्ति मिलती है।
puja benefits
स्वस्थ जीवन की प्राप्ति
पितृ दोष के कारण परिवार में शारीरिक या मानसिक बीमारियाँ हो सकती हैं। पितृ दोष से प्रभावित व्यक्तियों को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, पुरानी बीमारियों के लिए उचित उपचार खोजने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर गंगोत्री धाम पर की जाने वाली इस पूजा के माध्यम से स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है और स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन का आशीष प्राप्त किया जा सकता है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एवं गंगाजल

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल प्राप्त करें।

गंगा घाट, गंगोत्री धाम, उत्तराखंड

गंगा घाट, गंगोत्री धाम, उत्तराखंड
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। इस दिव्य भूमि पर पवित्र चार धाम यात्रा की जाती है। इस पवित्र भूमि पर स्थित पवित्र स्थानों में से एक गंगोत्री है। चार धाम यात्रा के दूसरे नंबर में गंगोत्री की यात्रा की जाती है। गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थल है, माना जाता है कि इस स्थान पर मां गंगा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ ने अपने पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति के लिए यहां तपस्या की थी और उनके अथक प्रयासों के बाद मां गंगा धरती पर आईं, लेकिन मां गंगा का वेग इतना तेज था कि अगर वह सीधे धरती पर गिरतीं तो धरती नष्ट हो जाती। प्रलय की स्थिति बन जाती और वह पाताल लोक चली जातीं। भक्तों की प्रार्थना पर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में समेट लिया और उसके बाद मां गंगा कैलाश होते हुए धरती पर पहुंचीं और भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया।

भगीरथ के प्रयासों के कारण ही गोमुख से बहने वाली गंगा को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है। कुछ दूर बहने के बाद जब यह देवप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिल जाती है, तो इसे गंगा के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि राजा भगीरथ ने जिस पत्थर पर ध्यान लगाया था, वह आज भी यहाँ मौजूद है और इसे भगीरथ शिला के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि जो भी गंगा दशहरा के शुभ दिन गंगोत्री धाम में गंगा घाट पर पूजा करता है, उसे माँ गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वह उन्हें पवित्रता, समृद्धि, पापों से मुक्ति और उनकी आध्यात्मिक यात्रा के लिए दिव्य कृपा प्रदान करती हैं।

पूजा का चयन करें

901

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

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