🪐 नवग्रह अधिपति शिवजी एवं नवग्रह न्यायधिपति की संयुक्त आराधना का श्रेष्काल काल - सावन अमावस्या पर नवग्रह शनि मंदिर एवं त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाचढ़ावा करें।
🕉️ शिवजी और शनिदेव को साथ में चढ़ावा क्यों करें?
📜 पुराणों के अनुसार शिवजी नवग्रहों के अधिपति हैं और शनिदेव नवग्रहों के न्यायधिपति हैं। इसके साथ ही शनिदेव को न्याय करने की शक्तियां शिवजी ने ही प्रदान की हैं।
🙏 इन दोनों की साथ में आराधना करना मनुष्य को कुंडली दोषों, ग्रह दोषों एवं जीवन में आने वाले ग्रहों की महादशा/ अंतर्दशा से सुरक्षा प्रदान करता हैं।
🔱 शिव -शनि आराधना में सावन अमावस्या का महत्व:
🌑 अमावस्या के दिन ही शनिदेव का जन्म हुआ था और सावन ही वह माह जब शिव जी नीलकंठ कहलाएं। ऐसे में सावन शिवजी के लिए और अमावस्या शनिदेव के लिए विशेष महत्व रखता है।
🌸 यही कारण है, कि सावन अमावस्या का यह महायोग इन दोनों की संयुक्त आराधना करने का सर्वोतम समय है।
🪷 देर न करें, इस मौके को जानें न दें - अभी दोनों मंदिरों में चढ़ावा हेतु बुकिंग करें।