रिश्तों में खुशहाली और वैवाहिक क्लेश से मुक्ति के लिए सीता जयंती अयोध्या विशेष सीता अष्टोत्तर शतनामावली
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रिश्तों में खुशहाली और वैवाहिक क्लेश से मुक्ति के लिए सीता जयंती अयोध्या विशेष सीता अष्टोत्तर शतनामावली
temple venue
श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर, अयोध्या, उत्तर प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

रिश्तों में खुशहाली और वैवाहिक क्लेश से मुक्ति के लिए सीता जयंती अयोध्या विशेष सीता अष्टोत्तर शतनामावली

देवी सीता का जन्म बिहार के मिथिला में वैशाख शुक्ल नवमी को हुआ था, इसलिए इसे सीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। सीता जयंती को सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। देवी लक्ष्मी का अवतार मानी जाने वाली मां सीता को भगवान राम के प्रति उनकी निष्ठा, भक्ति एवं त्याग के लिए पूजा जाता है। मान्यता है कि इस शुभ दिन पर सीता अष्टोत्तर शतनामावली जाप करने से वैवाहिक जीवन के समस्याओं से मुक्ति मिलती है और खुशहाली आती है। इस जाप में देवी सीता के 108 नाम शामिल हैं जो उनके गुणों एवं शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। दिनांक 16 मई 2024 को इस सीता जयंती पर अयोध्या के श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर में विशेष पूजा आयोजित की जाएगी। श्रीमंदिर के माध्यम से इसमें भाग लें।

पूजा लाभ

puja benefits
रिश्तों में खुशहाली एवं वैवाहिक क्लेश से मुक्ति
सीता अष्टोत्तर शतनामावली पाठ करने से विवाह में शांति, सद्भाव और खुशी आती है। महिलाएं अपने जीवन में शीलता और मातृत्व जैसे गुणों को प्राप्त करती हैं। इसके अलावा मान्यता है कि सीता जयंती पर माता सीता की अराधना करने से वैवाहिक सुख कि प्राप्ति होती हैं। इस विशेष पूजा को करने से भगवान राम के साथ-साथ मां सीता भी प्रसन्न होती हैं जिससे रिश्तों में शांति एवं खुशहाली का आशीष मिलता है।
puja benefits
पार्टनर की उन्नति के लिए
माँ सीता को उनकी पवित्रता, त्याग, समर्पण एवं धैर्य के लिए जाना जाता है। विवाहित महिलाएं मां सीता की पूजा कर वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि का आशीष मांगती है। ऐसा माना जाता है कि सीता जयंती के शुभ दिन पर सीता अष्टोत्तर शतनामावली पाठ करने से उनके पति को लंबी आयु के साथ तरक्की का आशीष मिलता है।
puja benefits
बुरी शक्तियों से सुरक्षा
माता सीता को साहस का प्रतीक माना गया है। सीता जयंती के दिन अष्टोत्तर शतनामावली का जाप करने से मन में सुरक्षा की भावना जागृत होती है। सीता माता के इस मंत्र से जातक के चारों ओर आत्मविश्वास का सुरक्षा कवच बन जाता है, जो जातक की हर परिस्थिति में सुरक्षा करता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

भुगतान के बाद, अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर,अयोध्या, उत्तर प्रदेश

श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर,अयोध्या, उत्तर प्रदेश
अयोध्या में मौजूद रामकोट क्षेत्र में स्थापित श्री प्राचीन राजद्वार मंदिर को अयोध्या के सबसे ऊँचे मंदिरों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि श्री राम, सीताजी एवं लक्ष्मणजी वनवास जाने के समय इसी मंदिर से होकर गए थे। रामकोट क्षेत्र यानि श्री राम का महल या राजदरबार, भगवान श्री राम के राजदरबार की शुरुआत इसी मंदिर से होती है, क्योंकि यह मंदिर भगवान श्री राम के राजदरबार का मुख्य द्वार था, इसलिए इस मंदिर को श्री राजद्वार मंदिर के नाम से जाना जाता है।

राजदरबार के इस मुख्य द्वार की रक्षा करने हेतु रामभक्त हनुमानजी भी वहां बैठे हैं, जिसे आज हम अयोध्या के लोकप्रिय श्री हनुमानगढ़ी मंदिर के नाम से जानते हैं। श्री राजद्वार मंदिर को अयोध्या का केंद्रबिंदु भी माना जाता है। इस मंदिर का पुनर्निर्माण अयोध्या नरेश श्री राजा मानसिंह ने आज से 900 वर्ष पहले करवाया था। ऐसी भी मान्यता है की इस मंदिर में भगवान श्री राम अपने सम्पूर्ण परिवार अर्थात सीताजी, लक्ष्मणजी एवं पवनपुत्र हनुमानजी के साथ विराजमान है। ऐसे में यहां पूजा करने से भगवान श्री राम भक्तों के सम्पूर्ण परिवार को रक्षा प्रदान करते हैं।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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