विष्णु जी से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण के आशीर्वाद के लिए निर्जला एकादशी महा अनुष्ठान विशेष 11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा
विष्णु जी से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण के आशीर्वाद के लिए निर्जला एकादशी महा अनुष्ठान विशेष 11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा
विष्णु जी से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण के आशीर्वाद के लिए निर्जला एकादशी महा अनुष्ठान विशेष 11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा
विष्णु जी से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण के आशीर्वाद के लिए निर्जला एकादशी महा अनुष्ठान विशेष 11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा
विष्णु जी से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण के आशीर्वाद के लिए निर्जला एकादशी महा अनुष्ठान विशेष 11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा
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विष्णु जी से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण के आशीर्वाद के लिए निर्जला एकादशी महा अनुष्ठान विशेष 11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा
निर्जला एकादशी महा अनुष्ठान विशेष

11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा

विष्णु जी से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण के आशीर्वाद के लिए
temple venue
श्री दीर्घ विष्णु मंदिर, मथुरा, उत्तर प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

विष्णु जी से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण के आशीर्वाद के लिए निर्जला एकादशी महा अनुष्ठान विशेष 11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा

भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है लेकिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी एवं पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बिना जल ग्रहण किए दिनभर व्रत रखा जाता है, यही कारण है कि इसे सबसे कठोर एकादशियों में से एक माना गया है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए यह दिन अत्यंत शुभ है। इसलिए इस दिन सभी भक्त भगवान विष्णु की विभिन्न प्रकार से अराधना करते हैं। मान्यता है कि इस शुभ दिन पर व्रत कथा के साथ भगवान विष्णु का द्वादशाक्षर मंत्र जाप करने से समृद्धि एवं भौतिक कल्याण की प्राप्ति होती है। द्वादश अक्षरों वाला ये भगवान विष्णु का ये मंत्र केवल मन्त्र नहीं बल्कि महामन्त्र है। माना जाता है कि इस महामन्त्र के प्रभाव से साधक मनवांछित फल की प्राप्ति कर सकता है।

प्रचलित कथा के अनुसार संसार के प्रथम पुरुष स्वायंभुव मनु और प्रथम स्त्री शतरूपा थी। इन्हीं प्रथम पुरुष एवं प्रथम स्त्री की सन्तानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। माना जाता है कि ये दोनों यानि मनु और शतरूपा भी द्वादशाक्षर मंत्र (ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय) का प्रेम सहित जप करते थे। द्वादशाक्षर मंत्र बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है। जिसकी महिमा बताते हुए सूतजी कहते हैं कि यदि मनुष्य सत्कर्म करते हुए, सोते-जागते, चलते-उठते हुए भी भगवान के इस द्वादशाक्षर मंत्र का निरन्तर जाप करता है तो वह सभी पापों से छूटकर सद्गति को प्राप्त होता है। लक्ष्मीजी की बड़ी बहन अलक्ष्मी (दरिद्रा) भगवान का नाम सुनकर उस घर से तुरंत भाग खड़ी होती है। इसी मंत्र के जप से ध्रुव को बहुत शीघ्र भगवान के दर्शन हुए थे। इसलिए निर्जला एकादशी के शुभ दिन पर 11,000 विष्णु द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं एकादशी व्रत कथा का आयोजन किया जा रहा है श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और विष्णु देव से सुख समृद्धि के साथ भौतिक कल्याण का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
समृद्धि प्राप्ति के लिए
भगवान विष्णु जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य और समृद्धि के दाता माने जाते हैं। निर्जला एकादशी के शुभ संयोग पर व्रत कथा के द्वादशाक्षर मंत्र जाप कराने से भक्तों को धन, आर्थिक स्थिति में सुधार और सफलता का आशीष मिलता है। मान्यता है कि द्वादश अक्षर मन्त्र जिसका सम्पूर्ण विधि विधान के साथ जाप किया जाए तो संसार की कोई भी उपलब्‍धि प्राप्‍त की जा सकती है। इस पाठ के माध्यम से भक्त उनकी आराधना करते हैं और उनकी अपार कृपा प्राप्त करते हैं।
puja benefits
भौतिक कल्याण के लिए
भगवान विष्णु को धन, समृद्धि, भौतिक सुख के साथ समग्र कल्याण के लिए पूजा जाता है। शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी के शुभ दिन पर द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं व्रत कथा करने से भक्तों को भौतिक सुख के साथ समग्र कल्याण का आशीष प्राप्त होता है। यह पूजा भक्तों को भगवान विष्णु के करीब लाता है और सभी कष्टों से मुक्त कर भौतिक कल्याण का वरदान प्राप्त होता है।
puja benefits
अच्छे स्वास्थ्य का आशीष
भगवान विष्णु को पालनकर्ता और रक्षक माना जाता है, और उनकी पूजा से भक्तों को निरोगी काया के साथ दीर्घायु का वरदान मिलता है। द्वादशाक्षर मंत्र जाप एवं निर्जला एकादशी व्रत कथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। वहीं निर्जला एकादशी पर इस विशेष पूजा को करने मानसिक तनाव कम होता है और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री दीर्घ विष्णु मंदिर, मथुरा, उत्तर प्रदेश

श्री दीर्घ विष्णु मंदिर, मथुरा, उत्तर प्रदेश
मथुरा में स्थित भगवान विष्णु का ये मंदिर दीर्घ विष्णु मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसके बारे में बताया जाता है कि ये मंदिर कृष्ण काल का है। इस मंदिर में स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा पूरे भारत में एकमात्र ऐसी प्रतिमा है। श्री दीर्घ विष्णु मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां श्रद्धा से जो भी व्यक्ति सिर झुकाता है उसके सारे दुख श्री हरि स्वयं हर लेते हैं। माना जाता है यहां कुंवारी लड़कियों द्वारा 16 सोमवार व्रत और विष्णु जी की पूजा करने से उसे मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, विवाह में कोई भी बाधा नहीं आती और संतान का सुख प्राप्त होता है।

वराह पुराण, नारद पुराण और श्रीमद्भागवत गीता में भी दीर्घ विष्णु मंदिर का वर्णन देखने को मिलता है। पुराणों में, श्री विष्णु कहते हैं कि इस पृथ्वी, अंतरिक्ष और पाताल लोक में कोई ऐसा स्थान नहीं है जो मथुरा के समान मुझे प्यारा हो। 4500 साल पहले इसकी स्थापना हुई थी, जिसका निर्माण श्रीकृष्ण के छ: भुजा स्वरूप को याद करने और यमुना के तीर्थ प्रयाग को बचाने के लिए किया गया था। यहां स्थित भगवान, श्री कृष्ण के विराट रूप को दर्शाता है जो उन्होंने कंस के वध के समय लिया था।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
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कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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नागपुर
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