अपने पित्रुओं के नाम-संकल्प से करवाएं नारायण बलि, नाग बलि एवं त्रिपिंडी श्राद्ध महापूजा
सर्व पूर्वजों को मोक्ष की गति प्रदान करने, संतान सुख पाने, पारिवारिक कलह से निजात पाने, निरोगी और सेहतमंद जीवन पाने, नौकरी एवं व्यवसाय में उन्नति पाने, अनपेक्षति दुर्घटनाओं से सुरक्षा पाने हेतु आश्विन कृष्ण सप्तमी/अष्टमी, दिनांक 6 अक्टूबर 2023, शुक्रवार को हरिद्वार के श्री गंगा घाट तीर्थ क्षेत्र में आयोजित नारायण बलि, नाग बलि एवं त्रिपिंडी श्राद्ध महापूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और तर्पण एवं पिंडदान कर के पित्रुओं के शुभाशीष पाएं।
ऑनलाइन पूजा का लाभ निश्चित तौर पर मिलता है। किसी भी पूजा में सबसे अधिक महत्व नाम और गोत्र का होता है। आप पूरे विश्व में कहीं भी रहने पर आपकी पहचान आपके नाम और गोत्र से होती है, तो पूजा किसके नाम से आयोजित हो रही है यह निर्धारित करता है कि पूजा का फल किसे मिलेगा।कोई भी समस्या, बीमारी या दोष हो सभी पूजाओं को नाम और गोत्र से ही संपन्न किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी तीर्थ स्थान या मंदिर में आपके नाम और गोत्र के उच्चारण से पूजा का फल आपको प्राप्त होता है।
यदि आपको अपना गोत्र पता नहीं है तो इस स्थिति मैं आप अपना गोत्र कश्यप मान सकते हैं क्योंकि कश्यप ऋषि एक ऐसे ऋषि थे जिनकी संतान हर जाति में पाई जाती हैं और इसी कारण वे श्रेष्ट ऋषि माने जाते हैं। इन विवरणों का पंडित जी द्वारा पूजा के दौरान जाप किया जाएगा।