नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं भय से सुरक्षा के लिए रविवार शक्तिपीठ विशेष मां काली तंत्र युक्त यज्ञ
नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं भय से सुरक्षा के लिए रविवार शक्तिपीठ विशेष मां काली तंत्र युक्त यज्ञ
नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं भय से सुरक्षा के लिए रविवार शक्तिपीठ विशेष मां काली तंत्र युक्त यज्ञ
नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं भय से सुरक्षा के लिए रविवार शक्तिपीठ विशेष मां काली तंत्र युक्त यज्ञ
नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं भय से सुरक्षा के लिए रविवार शक्तिपीठ विशेष मां काली तंत्र युक्त यज्ञ
नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं भय से सुरक्षा के लिए रविवार शक्तिपीठ विशेष मां काली तंत्र युक्त यज्ञ
नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं भय से सुरक्षा के लिए रविवार शक्तिपीठ विशेष मां काली तंत्र युक्त यज्ञ
temple venue
वीरभूम, पश्चिम बंगाल
pooja date
5 मई, रविवार, वैशाख कृष्ण द्वादशी
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
Day
Hour
Min
Sec
slideslideslide
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं भय से सुरक्षा के लिए रविवार शक्तिपीठ विशेष मां काली तंत्र युक्त यज्ञ

मां दुर्गा का विकराल रूप हैं मां काली। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां आदिशक्ति ने यह रूप संसार में मौजूद सभी बुरी शक्तियों का विनाश करने के लिए धारण किया था। जो भी भक्त मां काली की अराधना करते हैं उनसे किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जाएं, बुरी शक्तियां दूर रहती हैं इसके साथ ही उन जातकों को भय से सुरक्षा का वरदान भी प्राप्त होता है। दिनांक 05 मई 2024, को पश्चिम बंगाल में स्थित शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर में होने वाली मां काली तंत्र युक्त यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। वैशाख कृष्ण द्वादशी के शुभ दिन पर होने वाली इस विशेष यज्ञ में श्री मंदिर द्वारा भाग लेकर मां काली की असीम कृपा प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं बुरी शक्तियों का विनाश
तारापीठ में देवी काली के रूप में विराजित मां तारा की इस विशेष पूजा से भक्तों को नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीष प्राप्त होता है। मां तारा सभी बुरी एवं नकारात्मक शक्तियों के विनाश के लिए जानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी काली की जो भक्त सच्चे दिल से आराधना करते हैं उनके जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाएं एवं बुरी शक्तियां टिक नहीं पाती हैं।
puja benefits
ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति
मां काली, देवी आदिशक्ति का अवतार हैं, जो संपूर्ण ब्रह्मांड और सभी ग्रहों पर शासन करती है। इसलिए उनकी पूजा करने से कुंडली के ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। तारापीठ में मां काली की इस पूजा को करने से भक्तों को ग्रहों के अशुभ प्रभाव से सुरक्षा का आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
भय से सुरक्षा
मान्यता है कि मां काली की विशेष पूजा से भक्तों साहस के साथ आत्मविश्वास की वृद्धि होती है जिससे उन्हें किसी भी तरह के अनजाने भय से मुक्ति मिलती है और देवी मां के आशीष से व्यक्ति भय मुक्त होकर जीवन में आगे बढता है। भले ही मां काली का रूप उग्र हो लेकिन उनकी आराधना करने वाले भक्तों को जीवन में सभी तरह के भय से मुक्‍ति मिल जाती है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

भुगतान के बाद, अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

वीरभूम,पश्चिम बंगाल

वीरभूम,पश्चिम बंगाल
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां तारा की उत्पत्ति उस समय हुई थी जब समुद्र मंथन के समय विष निकला था, उस दौरान भगवान शिव ने यह विष ग्रहण कर लिया था, जिसके कारण शिवजी के शरीर में अत्याधिक जलन और पीड़ा होने लगी थी। भगवान शिव को पीड़ा से मुक्त करने के लिए मां काली ने दूसरा स्वरूप धारण किया और शिव जी को स्तनपान कराया, जिसके बाद उनके शरीर की जलन शांत हुई थी। इसलिए कहते हैं कि तारा देवी मां काली का ही दूसरा स्वरूप है।

पुराणों के अनुसार पश्चिम बंगाल में स्थित श्री तारापीठ मंदिर तंत्र साधना का जागृत स्थल माना जाता है। 10 महाविद्या में दूसरा स्थान रखने वाली मां तारा यहां अपने सौम्य रूप में विराजित हैं। मान्यता है कि सुदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर के टुकड़े किए थें। उस दौरान माता सती के अंगों में से आंख की पुतली यहां गिरी थी। बांग्ला में आंख की पुतली को तारा कहते हैं और इसलिए इस जगह का नाम तारापीठ पड़ा। यहां पूजा करने से भक्तों के जीवन से सभी तरह की आपदाएं दूर हो जाती हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
User review
User Image

जय राज यादव

दिल्ली
User review
User Image

रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
User review
User Image

अपर्णा मॉल

पुरी
User review
User Image

शिवराज डोभी

आगरा
User review
User Image

मुकुल राज

लखनऊ
User review
User Image

सुनील कुमार सैनी

चंडीगढ़
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों