सर्वोच्च साहस प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री काल भैरव तंत्र युक्त महायज्ञ और कालभैरवाष्टकम
सर्वोच्च साहस प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री काल भैरव तंत्र युक्त महायज्ञ और कालभैरवाष्टकम
सर्वोच्च साहस प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री काल भैरव तंत्र युक्त महायज्ञ और कालभैरवाष्टकम
सर्वोच्च साहस प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री काल भैरव तंत्र युक्त महायज्ञ और कालभैरवाष्टकम
सर्वोच्च साहस प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री काल भैरव तंत्र युक्त महायज्ञ और कालभैरवाष्टकम
सर्वोच्च साहस प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री काल भैरव तंत्र युक्त महायज्ञ और कालभैरवाष्टकम
temple venue
श्री काल भैरव मंदिर, काशी
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

सर्वोच्च साहस प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री काल भैरव तंत्र युक्त महायज्ञ और कालभैरवाष्टकम

शास्त्रों के अनुसार काल भैरव को रुद्रावतार माना गया है। ये भगवान शिव का स्वरूप ही हैं। मान्यता है कि भगवान कालभैरव शिव के सबसे उग्र रूप हैं परन्तु ये अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं और बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं। इनकी पूजा से भक्तों को साहस के साथ निडरता का आशीष देते हैं और सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट कर किसी भी प्रकार के बाधाओं से रक्षा करते हैं। इतना ही नहीं इनकी उपासना से अकाल मृत्यु, रोग, दोष आदि का कोई भय नहीं सताता है। काशी में स्थित श्री काल भैरव मंदिर के पुजारियों द्वारा श्री काल भैरव तंत्र युक्त महायज्ञ और कालभैरवाष्टकम का आयोजन किया जाएगा। दिनांक 13 मई 2024 को श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और साहस प्राप्ति के साथ नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का वरदान पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
सर्वोच्च साहस का आशीष
भगवान भैरव को अपार शक्ति और निर्भयता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों को अटूट साहस और दृढ़ संकल्प के साथ चुनौतियों का सामना करने का आशीर्वाद देते हैं। अपने भक्तों में निर्भयता की भावना पैदा करने के लिए जाने जाते हैं।
puja benefits
नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा
मान्यता है कि भगवान भैरव की पूजा नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए एक ढाल के रूप में काम करती है जो कि किसी भी प्रकार की बाधाओं, दुष्ट शक्तियों और खतरों से सुरक्षा प्रदान करती है। इस पूजा को करने से भगवान अपने भक्तों को नकारात्मक उर्जाओं से बचाकर रखते हैं।
puja benefits
पापों से मुक्ति
माना जाता है कि कालभैरवाष्टकम का जाप करने से हमें हमारे पापों और बुरे कर्मों के परिणामों से मुक्ति मिलती है। इस पूजा को करने से, भक्तों को भगवान काल भैरव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो कि उन्हें अक्षम्य पापों से मुक्त करते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

भुगतान के बाद, अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री काल भैरव मंदिर,काशी

श्री काल भैरव मंदिर,काशी
महादेव की नगरी कही जानेवाली काशी में भैरव बाबा की मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता है और पूरी नगरी की देखरेख उन्हीं के हाथों में है। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ी की इनमें सबसे महान कौन है। इस चर्चा के बीच शिवजी का जिक्र आने पर ब्रह्माजी के पांचवें मुख ने शिवजी की आलोचना की, जिससे शिवजी को गुस्सा आया। उसी क्षण भगवान शिव के क्रोध से काल भैरव का जन्म हुआ।

काल भैरव ने शिवजी की आलोचना करने वाले ब्रह्माजी के पांचवें मुख को काट दिया, लेकिन वो मुख काल भैरव के हाथ से अलग ही नहीं हो रहा था। तभी शिव जी ने काल भैरव से कहा, तुम्हे तो ब्रह्म हत्‍या का दोष लग गया। इस दोष को मिटाने का एक ही तरीका है कि तुम तीनों लोकों का भ्रमण करो। जिस स्थान पर ब्रह्मा का ये पांचवां मुख तुम्‍हारे हाथ से छूटेगा, वहीं तुम्हें इस पाप से मुक्‍ति मिलेगी। भैरव बाबा के हाथ से काशी में ब्रह्माजी का मुख अलग हुआ, वहीं उनको मुक्ति मिली। जिसके बाद शिवजी ने काल भैरव को काशी का कोतवाल बनाया। मान्यता है कि यहां विराजित बाबा कालभैरव की अराधना करने से सारा दुख, नजर बाधा, विकार और कष्ट को भी हरते हैं।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
User review
User Image

जय राज यादव

दिल्ली
User review
User Image

रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
User review
User Image

अपर्णा मॉल

पुरी
User review
User Image

शिवराज डोभी

आगरा
User review
User Image

मुकुल राज

लखनऊ
User review
User Image

सुनील कुमार सैनी

चंडीगढ़
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों