वैदिक ज्योतिष में, गुरु ग्रह को भाग्य, धन, आयु, शक्ति, और उच्च पद का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, कुंडली में कमजोर गुरु ग्रह के कारण वित्तीय, शैक्षिक, करियर, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। 21 सितम्बर 2023 को, गुरु ग्रह के दोष को दूर करने के लिए श्री बृहस्पति मंदिर काशी में गुरु गृह शांति यज्ञ और रुद्राभिषेक में भाग लें। इस पूजा से समृद्धि, धन, और बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस शुभ गुरुवार को, हमारे साथ जुड़कर इस जीवन में परिवर्तन का अनुभव करें।
ऑनलाइन पूजा का लाभ निश्चित तौर पर मिलता है। किसी भी पूजा में सबसे अधिक महत्व नाम और गोत्र का होता है। आप पूरे विश्व में कहीं भी रहने पर आपकी पहचान आपके नाम और गोत्र से होती है, तो पूजा किसके नाम से आयोजित हो रही है यह निर्धारित करता है कि पूजा का फल किसे मिलेगा।कोई भी समस्या, बीमारी या दोष हो सभी पूजाओं को नाम और गोत्र से ही संपन्न किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी तीर्थ स्थान या मंदिर में आपके नाम और गोत्र के उच्चारण से पूजा का फल आपको प्राप्त होता है।
यदि आपको अपना गोत्र पता नहीं है तो इस स्थिति मैं आप अपना गोत्र कश्यप मान सकते हैं क्योंकि कश्यप ऋषि एक ऐसे ऋषि थे जिनकी संतान हर जाति में पाई जाती हैं और इसी कारण वे श्रेष्ट ऋषि माने जाते हैं। इन विवरणों का पंडित जी द्वारा पूजा के दौरान जाप किया जाएगा।