पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए बुद्ध पूर्णिमा बोध गया विशेष पितृ दोष निवारण पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए बुद्ध पूर्णिमा बोध गया विशेष पितृ दोष निवारण पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए बुद्ध पूर्णिमा बोध गया विशेष पितृ दोष निवारण पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए बुद्ध पूर्णिमा बोध गया विशेष पितृ दोष निवारण पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए बुद्ध पूर्णिमा बोध गया विशेष पितृ दोष निवारण पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए बुद्ध पूर्णिमा बोध गया विशेष पितृ दोष निवारण पूजा
बुद्ध पूर्णिमा बोध गया विशेष

पितृ दोष निवारण पूजा

पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए
temple venue
गया कूप वेदी, विष्णुपद तीर्थ क्षेत्र, गया, बिहार
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए बुद्ध पूर्णिमा बोध गया विशेष पितृ दोष निवारण पूजा

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसे पितरों को तृप्त करने का दिन भी माना गया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने, पिंडदान करने, तर्पण आदि कार्य करने का भी विशेष महत्व होता है। इस विशेष दिन पर अपने पूर्वजों के निमित्त कार्य करने से उन्हें मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति भी होती है और सभी पाप दूर हो जाते हैं। वहीं बोध गया, एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जहां गौतम बुद्ध ने अपने बोध की प्राप्ति की थी। यहां स्थित गया कूप वेदी में इस शुभ दिन पर पितृ दोष निवारण पूजा का आयोजन किया जा रहा है। दिनांक 23 मई 2024, को होने वाली इस पूजा में भाग लें और पारिवारिक एकता के साथ सर्व पित्रुओं का आशीर्वाद पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पितृ शांति के लिए
पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे जितना भी प्रयास कर ले, कोई भी काम सफल नहीं होता है। शास्त्रों में पितृ दोष निवारण के लिए पितृ दोष निवारण पूजा का विधान है। बुद्ध पूर्णिमा पर गया में इस पूजा को करने से पितरों को शांति मिलता है।
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पारिवारिक क्लेश से मुक्ति
कई बार कुछ घरों में पारिवारिक क्लेश कि कोई ठोस वजह तो नहीं होती लेकिन हमेशा ही तनाव का माहौल बना रहता है। घर में क्लेश होने का एक कारण पितृ दोष भी माना गया है, ऐसे में बुद्ध पूर्णिमा पर इस पूजा को करने से पारिवारिक क्लेश से मुक्ति मिलती है।
puja benefits
स्वस्थ जीवन की प्राप्ति
पितृ दोष के कारण परिवार में शारीरिक या मानसिक बीमारियाँ हो सकती हैं। पितृ दोष से प्रभावित व्यक्तियों को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, पुरानी बीमारियों के लिए उचित उपचार खोजने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बुद्ध पूर्णिमा पर की जाने वाली ये पूजा स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मददगार होती है और इससे स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन का आशीष प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

गया कूप वेदी, विष्णुपद तीर्थ क्षेत्र,गया, बिहार

गया कूप वेदी, विष्णुपद तीर्थ क्षेत्र,गया, बिहार
बिहार में स्थित गया शहर जिसे बोध गया के नाम से भी जाना जाता है, जहाँ विष्णुपद तीर्थक्षेत्र के निकटतम गया कूप वेदी स्थित है। वैसे तो गया को ज्ञान और मोक्ष की भूमि कहा जाता है। पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पितृपक्ष में देश-विदेश से पिंडदानी कर्मकांड करने के लिए आते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार गयासुर नामक असुर ने घोर तपस्या करके भगवान से आशीर्वाद प्राप्त कर लिया। जब इसके प्रकोप से बचने के लिए देवता भगवान विष्णु के शरण में गए तब भगवान विष्णु ने गयासुर के संहार के दौरान उसके सीने पर जब श्रीहरि ने चरण रखा तो सिर कांप रहा था, तब भगवान ने गदा सिर पर रख दिए। सिर शांत होने पर भगवान ने वरदान दिया था कि जिसका पिंडदान तुम्हारे सिर पर होगा वह व्यक्ति स्वर्ग की प्राप्ति करेगा।

मान्यता है कि गया कूप वेदी में श्राद्ध करने से प्रेतों का मोक्ष मिलता है एवं यहां नैमित्तिक पितृ पूजा करने से अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता हैं। इस वेदी में एक कूप है, जिसे गया सुर की नाभि कहा जाता है। यहां पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है। गया में श्राद्ध और तर्पण करने का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। हर साल, कई भक्त पैतृक श्रापों को दूर करने और अपने पूर्वजों के लिए मोक्ष प्राप्त करने के लिए इस मंदिर में आते हैं।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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