जीवन से हर प्रकार की आपदाएं-विपत्तियां दूर करने, कुंडली के सभी ग्रहों के अशुभत्व से मुक्ति पाने, शत्रु पर विजय प्राप्त करने, नजरदोष जैसी बाधाओं से छुटकारा पाने, वास्तु दोष के अशुभत्व से निजात पाने, धन-संपत्ति में अपार वृद्धि एवं परिवार में सुख समृद्धि की वृद्धि पाने के लिए काशी के श्री बटुक भैरव मंदिर में आषाढ़ कृष्ण सप्तमी, 10 जून 2023, शनिवार को श्री मंदिर द्वारा आयोजित सर्व आपदा निवारक श्री भैरव महापूजा में भाग लें।
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महादेव की नगरी काशी में भक्तों की पूजा वाराणसी के कमच्छा क्षेत्र में बटुक भैरव के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है। इस मंदिर में काल भैरव दो रूप में विराजमान है, बटुक भैरव और आदि भैरव। बटुक भैरव, जो कि काल भैरव के बाल रूप है, उनके दर्शन मात्र से सभी आपदाओं तुरंत दूर हो जाती है। आदि भैरव भी काल भैरव के बाल रूप है और उनके दर्शन से राहु केतु सम्बन्धी ग्रह समस्या दूर हो जाती है।
इस मंदिर में पूजा कराने या भाग लेने से सभी ग्रहों की शांति हो सकती है क्यूंकि बटुक भैरव के मस्तक पर सूर्य विद्यमान होने के कारण इन्हें ग्रहों का राजा भी माना गया है। बुधवार और वैशाख शुक्ल त्रयोदशी के दिन हजारों भक्त अपनी मनोकामना लेकर बटुक भैरव की शरण में आते हैं। यहां से कोई भी भक्त कभी खाली नहीं जाता है।
काशी में यह मंदिर अत्यधिक प्राचीन है। काशी दो खंडों में विभक्त है, एक विशेश्वर खंड तो दूसरा केदारेश्वर खंड। दोनों खंडों की सुरक्षा के लिए दो भैरव विराजमान हैं। विशेश्वर खंड की सुरक्षा काल भैरव करते है, केदार खंड की सुरक्षा इसी मंदिर के बटुक भैरव करते है। श्री कृष्ण ने भीम को इंद्रप्रस्थ की रक्षा के लिए यहां तपस्या करने के लिए भेजा था। बाबा बटुक नाथ की कृपा से ही इंद्रप्रस्थ की रक्षा संभव हुई। ये बटुक भैरव ही है जो अपने भक्तों की रक्षा नकारात्मक ऊर्जा, भय एवं शत्रुओं से करते हैं।