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चंद्र दर्शन 2025 कब है?

इस पवित्र अवसर पर चंद्रमा के दर्शन का महत्व और अनुष्ठान की जानकारी प्राप्त करें।

चंद्र दर्शन के बारे में

पुराणों में चंद्र देव को पूजनीय देवताओं में से एक माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,चंद्रमा मन का निर्देशक माना जाता है। चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देव की पूजा अर्चना करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है, इसलिए हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है। आज हम ‘चंद्र दर्शन’ के महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक बात करेंगे साथ में हम ये भी जानेंगे कि इस दिन क्या करें और क्या न करें।

चंद्र दर्शन 2025

  • चंद्र दर्शन 2025
  • चंद्र दर्शन कब मनाया जायेगा?
  • यहाँ जानिए चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त
  • क्यों मनाते हैं चंद्र दर्शन
  • जानिए चंद्र दर्शन का महत्व
  • चंद्र दर्शन की पूजन विधि
  • चंद्र दर्शन के दिन क्या करना चाहिए?
  • चंद्र दर्शन के दिन क्या न करें?

पुराणों में चंद्र देव को पूजनीय देवताओं में से एक माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा को मन का निर्देशक माना जाता है। चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देव की पूजा अर्चना करना मानसिक शांति के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है, इसलिए हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है। तो चलिए जानते हैं कि वैशाख मास में चंद्रदर्शन कब है, और इस तिथि का महत्व व अनुष्ठान क्या हैं:-

चंद्र दर्शन कब मनाया जायेगा?

  • अमावस्या के बाद अगले दिन या दूसरे दिन को चन्द्र दर्शन दिवस कहा जाता है।
  • हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास का चंद्रदर्शन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर 23 सितम्बर 2025, मंगलवार को मनाया जायेगा।
  • चंद्र दर्शन का समय 05:53 पी एम से 06:33 पी एम तक रहेगा।
  • जिसकी कुल अवधि 00 घण्टा 40 मिनट्स होगी।

चंद्र दर्शन के शुभ मुहूर्त

मुहूर्त

समय

ब्रह्म मुहूर्त

04:12 ए एम से 04:59 ए एम

प्रातः सन्ध्या

04:36 ए एम से 05:47 ए एम

अभिजित मुहूर्त

11:26 ए एम से 12:14 पी एम

विजय मुहूर्त

01:51 पी एम से 02:40 पी एम

गोधूलि मुहूर्त

05:53 पी एम से 06:17 पी एम

सायाह्न सन्ध्या

05:53 पी एम से 07:05 पी एम

अमृत काल

07:06 ए एम से 08:51 ए एम

निशिता मुहूर्त

11:26 पी एम से 12:14 ए एम, सितम्बर 24

द्विपुष्कर योग

01:40 पी एम से 04:51 ए एम, सितम्बर 24

क्यों मनाते हैं चंद्र दर्शन?

चंद्रमा 'नवग्रहों' में से एक ग्रह है और पृथ्वी पर जनजीवन को प्रभावित करता है। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर चंद्र देव का आशीर्वाद रहता है, उसे सफलता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए भक्त, सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा व व्रत रखते हैं।

चंद्र दर्शन का महत्व

अमावस्या के बाद अगले दिन या दूसरे दिन को चन्द्र दर्शन दिवस कहा जाता है। यह पूजा कई मायनों में लाभकारी और कल्याणकारी मानी जाती है। चंद्र दर्शन के दिन चंद्रमा की पूजा से मन को शांति मिलती है। साथ ही जीवन में सफलता के अनेक रास्ते खुलते हैं, साथ ही सद्बुद्धि की भी प्राप्ति होती है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा निम्न या अशुभ स्थिति में मौजूद होता है उन्हें अपने जीवन में तमाम परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए कहा जाता है कि ऐसी कुंडली वाले लोग यदि चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देवता की उपासना के साथ व्रत रखते हैं तो चंद्र से उत्पन्न होने वाले उनके ग्रह दोष शांत हो जाते हैं।

चंद्र दर्शन पूजनविधि

अगर आप चंद्र दर्शन तिथि के दिन चंद्र देव की कृपा प्राप्त प्राप्ति के लिए चंद्र देव की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करना चाहते हैं तो यह आपके लिए है। इस पूजा को करने से चंद्र देव की कृपा और आशीष आप पर बना रहता है। तो चलिए विस्तार पूर्वक इस पूजा विधि के बारे में जानते हैं।

  • चंद्र तिथि के दिन सुबह उठकर चंद्र देव का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद स्नान आदि कार्यों से निवृत होकर पूरे विधि-विधान से घर के मंदिर में पूजा-पाठ करें।
  • पूजा के समय चंद्र दर्शन की व्रत कथा अवश्य सुनें। इसके बाद पूरा दिन फलाहार करके व्रत रखें।
  • शास्त्रों के अनुसार, चंद्र दर्शन की तिथि के दिन, शाम के समय चंद्र देव की पूजा की जाती है। चंद्र देव को सबसे पहले अर्घ्य दें, इसके बाद उन्हें पुष्प, दीप, नैवेद्य, रोली और अक्षत अर्पित करें और चंद्र देवता को खीर का प्रसाद अर्पित करें।
  • चंद्र भगवान की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें- “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्” चंद्रमा की विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद व्रत का पारण करें।
  • चंद्र दर्शन पर दान देना भी एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, इसके बिना आपका व्रत संपूर्ण नहीं होता है।

चंद्र दर्शन के दिन क्या करें?

  • इस दिन ब्राह्मणों को कपड़े, चावल और चीनी समेत अन्य चीजों का दान करना फलदायी माना जाता है।
  • साथ ही व्रत रखने वाले उपासक इस बात का ध्यान रखें कि चंद्र देव के दर्शन और उनकी पूजा के बाद ही व्रत का पारण करें। इससे आपके जीवन में जीवन में शीतलता और शांति आएगी।
  • जल में अपनी छाया देखकर चंद्र देव पर जल अर्पित करें। इससे मानसिक विकारों से मुक्ति मिल सकती है और मन शांत होता है।
  • यदि आपकी माता का स्वास्थ्य ख़राब रहता है, तो चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देव शतावरी की जड़ अर्पित करें। इससे उन्हें स्वास्थ्य लाभ हो सकता है.
  • सौभाग्य की प्राप्ति के लिए चंद्र देव को चांदी का सिक्का अर्पित करें और उसे अपनी तिजोरी में रखें। इससे सौभाग्य व समृद्धि में वृद्धि होती है।

चंद्र दर्शन के दिन क्या न करें?

  • इस दिन किसी की बुराई न करें, किसी को अपशब्द न कहें और किसी का दिल न दुखाएं
  • चंद्र दर्शन के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए, इससे चंद्रमा की कृपा कम होती है।
  • इस दिन वाद-विवाद या लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए।
  • चंद्र दर्शन के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन चोरी या अन्य अपराधों से बचना चाहिए।
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Published by Sri Mandir·September 9, 2025

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