28 अगस्त 2025 को क्या है?
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28 अगस्त 2025 को क्या है?

28 अगस्त 2025 को क्या है? जानें इस दिन का पंचांग, शुभ मुहूर्त, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान।

आज के दिन के बारे में

28 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक आस्था, पवित्र पर्व और शुभ योगों से भरपूर रहेगा। इस दिन कौन-कौन से व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, इनके पीछे की पौराणिक कथाएं और मान्यताएं क्या कहती हैं, साथ ही कौन से शुभ मुहूर्त आपके लिए विशेष फलदायी रहेंगे, यह जानना रोचक होगा। इस लेख में जानिए 28 अगस्त 2025 से जुड़ी हर खास और महत्वपूर्ण जानकारी।

28 अगस्त 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 28 अगस्त 2025 को कौन-सा व्रत, पर्व या तिथि है? यह दिन धार्मिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है? आइए जानते हैं। दरअसल 28 अगस्त 2025 को गुरुवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो शाम 5:57 बजे तक रहेगी, इसके बाद षष्ठी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। पंचमी तिथि पर विशेष रूप से ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व सात ऋषियों के सम्मान और पितृ दोष शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं विशेष व्रत करती हैं और स्नान, ध्यान व पूजा-पाठ के माध्यम से आत्म-शुद्धि का संकल्प लेती हैं।

पंचांग विवरण

तिथि: पंचमी (शाम 5:57 बजे तक), फिर षष्ठीनक्षत्र: चित्रा (दोपहर 2:36 बजे तक), फिर स्वातीयोग: शुभ योग (सुबह 8:53 बजे तक), फिर शुक्ल योगवार: गुरुवार

धार्मिक महत्व

ऋषि पंचमी का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यंत पूजनीय है। मान्यता है कि इस दिन ऋषियों की पूजा एवं व्रत करने से पाप नष्ट होते हैं और पितृ दोष समाप्त होता है। यह दिन गुरु बृहस्पति को भी समर्पित है, इसलिए ज्ञान, बुद्धि और धर्म पालन के लिए यह अत्यंत फलदायी होता है। महिलाएं इस दिन ऋषि पंचमी व्रत कर पवित्रता और सात्विक जीवन का संकल्प लेती हैं।

पूजन विधि

प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करेंसात ऋषियों की मूर्ति या चित्र पर जल, पुष्प, चंदन, धूप और दीप अर्पित करेंव्रत कथा सुनें या पढ़ें और मंत्र जाप करेंगुरु (बृहस्पति) की पूजा कर पीले वस्त्र, चना दाल और हल्दी का दान करेंगरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं

राहुकाल व शुभ मुहूर्त

राहुकाल: दोपहर 1:55 बजे से 3:30 बजे तकशुभ मुहूर्त: सुबह 7:00 से 9:00 बजे और दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तकअभिजीत मुहूर्त: 12:00 बजे से 12:54 बजे तक

निष्कर्ष

28 अगस्त 2025 को पंचमी तिथि और गुरुवार का संगम ऋषि पंचमी व्रत को और भी विशेष बनाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से पापों का नाश, पितृ दोष की शांति और ज्ञान-भक्ति की वृद्धि होती है। गुरु कृपा के साथ यह दिन आत्म-शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का उत्तम अवसर प्रदान करता है।

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Published by Sri Mandir·August 12, 2025

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