🕉️ सभी अमावस्या में सबसे अधिक फलदायी : सावन अमावस्या पर करें ब्राह्मण सेवा एवं शिव महाचढ़ावा!
📜 पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन माह में शिव स्वयं ज्योतिर्लिंग में वास करते हैं, और सावन अमावस्या वर्ष की एकमात्र ऐसी अमावस्या है, जो शिव को समर्पित हैं। इसलिए इस समय किया गया हर एक चढ़ावा एवं ब्राह्मण सेवा आपके लिए शिवलोक के द्वार खोलता है।
🌊 नर्मदा तीर्थक्षेत्र में ब्राह्मण सेवा क्यों करें?
🪷 इस नदी को तीर्थों की जननी कहा जाता है, जिसके दर्शन मात्र से सम्पूर्ण तीर्थों की यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है। यहाँ पाया जाने वाला हर एक पत्थर तक शिवलिंग जितना पवित्र हैं। अमावस्या के दिन यहाँ की गई ब्राह्मण सेवा किसी भी तीर्थ पर पुण्यकर्म करने से ज्यादा पुण्यदाई है।
🛕 ओंकारेश्वर में चढ़ावा का महत्व
🔱 सदियों पहले जब शिव यहाँ ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विराजमान हुए थे तब तीनों लोको के देवता एवं जीव उनके दर्शन के लिए आए थे। यहाँ कि मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
✨ ऐसे पुण्य तीर्थ पर सहस्त्रगुणा अधिक फलदायी सेवा करने से चूकें न - सावन अमावस्या पर ब्राह्मण सेवा एवं महाचढ़ावा करें।