छिन्नमस्ता जयंती के दिन देवी छिन्नमस्ता की पूजा से जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है। इस अवसर पर अपनों को भेजें शुभकामनाएं और आशीर्वाद।
देवी छिन्नमस्ता कोई देवी काली का अवतार के रूप में जाना जाता है। देवी छिन्नमस्ता की जयंती हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। आप इस खास अवसर पर अपने दोस्तों और परिवार को शुभकामनाएं भेज सकते हैं। तो पढ़िए हमारे इस लेख को और भेजें ढेरों शुभकामनाएं।
हिंदू धर्म में छिन्नमस्ता जयंती का विशेष महत्व है। यह दिन देवी छिन्नमस्ता की पूजा और तांत्रिक साधनाओं के लिए खास माना जाता है। मां छिन्नमस्ता दस महाविद्याओं में से एक हैं और भक्तों को शक्ति, साहस व कष्टों से मुक्ति देने वाली देवी हैं। इस दिन साधक विशेष पूजा कर सिद्धियों की प्राप्ति का प्रयास करते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवी पार्वती ने अपनी सहेलियों की भूख मिटाने के लिए खुद का सिर काट दिया था। तभी से वे छिन्नमस्ता के रूप में विख्यात हुईं। इस दिन भक्त देवी की आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
1.मां छिन्नमस्ता का रूप है अनोखा,
हर संकट से देती हैं रक्षा।
सच्चे मन से जो पूजा करे,
मां उसका जीवन कर दें अच्छा।
छिन्नमस्ता जयंती की शुभकामनाएं!
2.जो मां को सच्चे दिल से पुकारे,
उस पर कृपा बरसती है न्यारी।
छिन्नमस्ता मां से यही है दुआ,
आपकी हर परेशानी हो जाए हमारी।
शुभ छिन्नमस्ता जयंती!
3.मां छिन्नमस्ता करें जीवन प्रकाशमय,
संकटों से दें आपको सदा सुरक्षित भय।
हर दिन हो आपके लिए खास,
मिले मां का आशीर्वाद हर एक सांस।
जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!
4.छिन्नमस्ता मां का दिव्य स्वरूप,
देता है शक्ति, ज्ञान और रूप।
इस पावन दिन पर कीजिए ध्यान,
मां करें आपकी हर इच्छा पूर्ण प्रदान।
शुभकामनाएं!
5.वैशाख की चतुर्दशी आई है खास,
छिन्नमस्ता मां करें सबका विकास।
भक्ति में लीन हो जाइए आज,
मां की कृपा से मिटे हर एक राज।
छिन्नमस्ता जयंती मुबारक!
6.मां छिन्नमस्ता का नाम है वरदान,
हर दुख-दर्द में बने आपकी जान।
भक्तों पर करती हैं कृपा अपार,
जयंती पर मां को करें नमस्कार।
शुभकामनाएं!
7.जो करता है मां से प्रेम सच्चा,
जीवन में उसका न हो कोई कच्चा।
मां की भक्ति से मिलता है बल,
जयंती पर करें पूजन सरल।
छिन्नमस्ता जयंती की बधाई!
8.छिन्नमस्ता मां की ये पावन घड़ी,
मन में लाएं श्रद्धा बड़ी।
भक्ति भाव से कीजिए आराधना,
मां करें जीवन में सुख की कल्पना।
शुभ पर्व की शुभकामनाएं!
9.तांत्रिक साधना की हैं अधीशा,
छिन्नमस्ता मां हैं शक्ति की दिशा।
इस जयंती पर लें मां का नाम,
हर विपत्ति से मिलेगा आराम।
शुभ जयंती!
10.मां छिन्नमस्ता का प्रेम अनोखा,
हर दिल में जगाएं जोतें उजियारा।
पवित्र दिन पर करें ध्यान विशेष,
मां रखें आपका जीवन सदा नवेश।
शुभकामनाएं!
11.पूजा करें सच्चे मन से आप,
छिन्नमस्ता मां भरें जीवन में ताप।
सफलता मिले हर मोड़ पर,
मां का साथ रहे हर दौर पर।
छिन्नमस्ता जयंती की बधाई!
12.लाल रंग में सजी है देवी,
साथ लाएं शक्ति और भक्ति की रेखी।
जयंती पर करें पूजा निरंतर,
मां करें जीवन शुभ और सुंदर।
हार्दिक शुभकामनाएं!
13.छिन्नमस्ता मां का हो आशीर्वाद,
हर दिन बने खुशियों का त्यौहार।
भक्ति में डूबा हो हर एक पल,
मां करें जीवन को सुंदर और सरल।
छिन्नमस्ता जयंती की शुभकामनाएं!
14.जिनके पास मां छिन्नमस्ता का नाम,
उनका जीवन हो जाता है आसान।
हर संकट से वो खुद लड़ जाते हैं,
मां के आशीर्वाद से आगे बढ़ जाते हैं।
शुभ जयंती!
15.मां छिन्नमस्ता का अद्भुत रूप,
देता है शक्ति और सच्चा स्वरूप।
भक्तों को करती हैं हरदम रक्षा,
जिनके जीवन में छाए अंधकार की साक्षा।
छिन्नमस्ता जयंती की बधाई!
16.तप और साधना की हैं देवी महान,
छिन्नमस्ता मां का नहीं कोई विधान।
करें सच्चे मन से आराधना आज,
जीवन में आए नई शुरुआत का राज।
जयंती पर मंगलकामनाएं!
17.छिन्नमस्ता मां का नाम लो बार-बार,
कभी न पड़े जीवन में कोई वार।
सुख-शांति और शक्ति का वरदान,
मां दें हर मनोकामना का प्रमाण।
शुभ पर्व की शुभकामनाएं!
18.मां छिन्नमस्ता करें रक्षा हमारी,
हर बुराई से दूर हो दुनियादारी।
देवें सद्बुद्धि, साहस और विश्वास,
मां की भक्ति से बने हर काम खास।
शुभ जयंती!
19.जयंती के इस पावन अवसर पर,
करें मां का पूजन आदर से हर घर।
मां का आशीर्वाद बना रहे जीवन में,
हर दिन बीते उनके नाम के शिवन में।
छिन्नमस्ता जयंती की हार्दिक बधाई!
20.छिन्नमस्ता मां की शक्ति है अपरंपार,
भक्तों के लिए खोलती हैं हर द्वार।
तांत्रिक साधना की हैं विशेष देवी,
सच्चे मन से करें प्रार्थना और सेवा यही।
शुभकामनाएं!
21.मां की पूजा से मिटे दुखों का भार,
छिन्नमस्ता करें जीवन में उजियार।
सच्चे भाव से करें अर्पण और ध्यान,
मां से मिले सुख-शांति और ज्ञान।
छिन्नमस्ता जयंती की शुभकामनाएं!
छिन्नमस्ता जयंती पर साधक को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें। फिर पूजा स्थल पर छिन्नमस्ता की प्रतिमा स्थापित कर फल, फूल और मिठाई अर्पित कर विधिवत पूजा करें। अंत में आरती कर मां से सुख, शांति और कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें।
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