भाई दूज पर क्या भेजें सोच रहे हैं? अब और नहीं! यहां मिलेंगी सबसे भावनात्मक और सुंदर Bhai Dooj Wishes हिंदी में भाई-बहन के रिश्ते को दें प्यार भरा स्पर्श।
भाई दूज को बहन अपने भाई को तिलक कर उसके मंगलमय जीवन की प्रार्थना करती है, और भाई उसकी रक्षा का वचन देता है। आइए जानते हैं इस त्यौहार के बारे में विस्तार से।
भारतीय संस्कृति में पर्व केवल रीति-रिवाज़ नहीं, बल्कि जीवन के मूल्यों को संजोए रखने वाले अवसर होते हैं। भाई दूज ऐसा ही एक पावन पर्व है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम, संरक्षण और स्नेह का उत्सव है। यह पर्व दीपावली के दूसरे दिन, शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और सामाजिक जीवन के साथ ही सोशल मीडिया पर भी इसकी शुभकामनाएं बड़े पैमाने पर दी जाती हैं। बहन अपने भाई को तिलक कर उसके मंगलमय जीवन की प्रार्थना करती है, और भाई उसकी रक्षा का वचन देता है। इसकी शुभकामनाओं को पढ़ने के पहले जानिए इसका पौराणिक महत्व
यमुनाजी को अपने भाई यमराज से अत्यधिक स्नेह था, इसलिए वे उन्हें बार-बार अपने घर भोजन के लिए बुलाया करती थीं। लेकिन यमराज अपने कार्यों और उत्तरदायित्वों में इतने व्यस्त रहते थे कि बहन के आमंत्रण को समय पर स्वीकार नहीं कर पाते थे। एक दिन, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन, यमुनाजी ने पुनः अपने भाई को सप्रेम आमंत्रण भेजा। इस बार यमराज ने अपने बहन से मिलने जाने का वचन दिया और नर्क में निवास करने वाले अनेक प्राणियों को मुक्ति प्रदान करते हुए यमुनाजी के घर पहुँचे। यमुनाजी ने अपने भाई का आदरपूर्वक स्वागत किया, उन्हें स्नान कराया, तिलक किया और विविध प्रकार के स्वादिष्ट पकवानों से उनका सत्कार किया। यमराज, बहन के स्नेह और सेवा भाव से अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्हें कोई वरदान माँगने को कहा। यमुनाजी ने केवल यही वर माँगा कि प्रत्येक वर्ष इसी दिन उनका भाई उनके घर पधारे, और जो बहन इस दिन श्रद्धा से अपने भाई को तिलक करके भोजन कराए, उसके भाई की आयु लंबी हो और वह यमलोक के भय से मुक्त रहे। यमराज ने "तथास्तु" कहकर इस वरदान को स्वीकार किया और तभी से भाई दूज का यह पावन पर्व भाई-बहन के प्रेम और मंगल की कामना का प्रतीक बनकर मनाया जाने लगा।
इस भाई दूज पर तुम्हारे माथे का तिलक तुम्हारी रक्षा की सबसे बड़ी ढाल बने, प्यारे भाई।
बहन का स्नेह, भाई का सहारा – यही तो है इस रिश्ते की सच्ची परिभाषा।
तेरा साथ है तो हर मुश्किल आसान है, मेरे प्यारे भाई।
मेरी हर प्रार्थना में तुझ पर आशीर्वादों की छाया बनी रहे, भाई।
इस पावन दिन पर यमुनाजी तुम्हें दीर्घायु और सुखद जीवन का वरदान दें।
बहन की दुआओं से चमके तेरी किस्मत, और हर राह हो रौशन।
तिलक का रंग तेरे जीवन में शुभता और आनंद भर दे, मेरे भाई।
तेरे कदमों में हर सफलता हो, तेरी बहन की यही शुभकामना है।
तू हमेशा मुस्कुराता रहे, यही मेरी हर तिलक में छुपी भावना है।
हमारी हँसी, हमारी यादें और हमारा रिश्ता कभी फीका न पड़े।
इस भाई दूज पर तेरी रक्षा का संकल्प मेरे मन में और गहरा हुआ है।
हर जन्म में तू मेरा भाई ही बने, यही भगवान से प्रार्थना है।
तेरे जीवन में कभी अंधकार न हो, बहन की दुआओं का दीप सदा जलता रहे।
तुझे हर सुख मिले, हर मोड़ पर बहन की छाया साथ हो।
हमारी बातों में तकरार हो सकती है, पर दिलों में प्यार हमेशा रहेगा।
तू मेरा गर्व है, मेरी ताकत है – तुझसे बढ़कर क्या माँगू मैं।
मेरी हर पूजा, हर व्रत तुझ पर ही समर्पित है।
मेरे भाई की हँसी ही मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूजा है।
माँ लक्ष्मी तुझे हर क्षेत्र में सफलता और सम्मान प्रदान करें।
जब तक बहन की दुआएं साथ हैं, तुझ पर कोई विपत्ति नहीं आएगी।
मेरे भाई का जीवन हमेशा उजाला ही उजाला रहे – यही इस भाई दूज पर मेरी कामना है।
रिश्तों की भीड़ में मेरा भाई मेरा सबसे बड़ा वरदान है।
भाई दूज केवल एक परंपरा नहीं, यह रिश्तों में श्रद्धा और आत्मीयता का महोत्सव है। यह पर्व भाई-बहन के बीच उस पवित्र रिश्ते का उत्सव है, जिसमें बिना शर्तों के प्रेम, त्याग और समर्पण समाया होता है।
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