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वसन्त सम्पात 2025

वसन्त सम्पात पर दिन और रात समान होते हैं, जो संतुलन और नए ऊर्जा प्रवाह का संकेत देते हैं। जानें इसकी तिथि, समय और ज्योतिषीय महत्व!

वसन्त सम्पात के बारे में

वसन्त सम्पात वह खगोलीय घटना है जब सूर्य भूमध्य रेखा के बिलकुल ऊपर होता है, जिससे दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। यह घटना हर साल मार्च महीने में होती है और इसे वसन्त ऋतु की शुरुआत का संकेत माना जाता है। आइये जानते हैं इसके बारे में...

वसन्त सम्पात 2025

वसंत सम्पात अथवा वसंत विषुव एक खगोलीय घटना है, जो वसंत ऋतु में घटित होती है। वसंत सम्पात प्रत्येक वर्ष में दो बार होता है, एक 20 या 21 मार्च को और दूसरा 22-23 सितंबर को।

मार्च 2025 में वसंत सम्पात कब है?

मुहूर्त

समय

वसन्त सम्पात समय

02:30 पी एम

वसन्त सम्पात सूर्योदय

06:02 ए एम

वसन्त सम्पात सूर्यास्त

06:09 पी एम

वसन्त सम्पात दिन की अवधि

12 घण्टे 07 मिनट्स 04 सेकण्ड्स

वसन्त सम्पात पिछले दिन की अवधि

12 घण्टे 05 मिनट्स 34 सेकण्ड्स

वसन्त सम्पात आगामी दिन की अवधि

12 घण्टे 08 मिनट्स 34 सेकण्ड्स

वसंत सम्पात क्या है?

21 मार्च, मंगलवार को सूर्य भूमध्य रेखा पर होगा। जिससे दिन व रात दोनों बराबर रहेंगे। अर्थात् दोनों ही 12-12 घंटे के होंगे। ये घटना सामान्यतः कुछ निर्धारित तिथियों पर होती है। इसलिए खगोलविदों ने 20-21 मार्च व 22-23 सितंबर को सूर्य के गोलार्द्ध बदलाव का दिन घोषित किया है। इसके पश्चात् दिन व रात्रि के समय में परिवर्तन होने लगते हैं। इस बार 21 मार्च, मंगलवार को वसंत सम्पात के दिन सूर्य भूमध्य रेखा पर रहेगा। इस समय यदि कोई व्यक्ति भूमध्य रेखा पर खड़ा हो तो सूर्य उसे सीधे अपने सिर के ऊपर दिखाई देगा।

उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य का प्रवेश

21 मार्च को मेष राशि में सूर्य भूमध्य रेखा पर आने के बाद अब उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करेगा। सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करने के कारण भारत सहित ऐसे कई देश जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित हैं, उनमें दिन का समय धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा और रातें छोटी हो जाएंगी। ये स्थिति 21 जून तक रहेगी।

कहां-कहां से गुज़रती है भूमध्य रेखा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भूमध्य रेखा चौदह देशों से होकर गुज़रती है। पृथ्वी की सतह पर ज़्यादातर भूमध्य रेखीय क्षेत्र समुद्रीय ही हैं। ऐसा माना जाता है कि जो स्थान भूमध्य रेखा के आस-पास होते हैं, वो अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना के लिए अत्यंत उपयुक्त होते हैं। गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ व फ्रेंच गुयाना का अंतरिक्ष केंद्र भी भूमध्य रेखा पर ही स्थित है।

तो दोस्तों, ये थी वसंत सम्पात से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। ऐसी ही उपयोगी और धार्मिक जानकारियां निरंतर आपको मिलती रहें, इसके लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर।

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Published by Sri Mandir·February 24, 2025

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