2025 में होने वाले सूर्य ग्रहण की तारीख, समय और सूतक काल की संपूर्ण जानकारी यहां पढ़ें।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है। यह खगोलीय घटना अमावस्या के दिन होती है। सूर्य ग्रहण के दौरान धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ और भोजन करना वर्जित होता है। आइये जानते हैं इससे जुड़ी विशेष जानकारी....
सितंबर महीने में दो बड़े ग्रहण लगेंगे। पहला चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को होगा, जो भारत में दिखाई देगा। इसके बाद दूसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा। यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा।
21–22 सितंबर 2025 का यह पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) होगा।
जहाँ ग्रहण दिखाई देगा, वहाँ लोग निम्न उपाय करते हैं:
सामान्यतः जब सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, तब लोग ये सावधानियाँ बरतते हैं:
जहाँ ग्रहण दिखाई देगा, वहाँ पर लोग प्रायः ये कार्य करते हैं:
दृश्यमान ग्रहण के दौरान प्रायः इन कार्यों से बचना चाहिए:
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव संपूर्ण ब्रह्माण्ड पर पड़ता है। लेकिन कुछ साधारण उपाय हैं, जिनका पालन करने से आपको सूर्य ग्रहण के प्रभाव से काफी हद तक मुक्ति मिल सकती है। आज हम आपको इस लेख में यही बताएंगे कि किन सामान्य उपायों से आप सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।
सूर्य देव हमारे जीवन में आत्मा के कारक ग्रह हैं, इसलिए सूर्य ग्रहण होना हमारे लिए अशुद्धि का कारण बनता है क्योंकि यह हमारी आत्मा से जुड़ा होता है। इसलिए सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए हमें अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने की आवश्यकता होती है क्योंकि वातावरण में अत्यंत नकारात्मकता फैल जाती है, जिससे हमारा जीवन प्रभावित होता है।
माना जाता है कि ग्रहण के बाद सूर्य देव से संबंधित चीजों का दान करना और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना अत्यधिक लाभकारी होता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य देव की स्थिति खराब है और वह प्रतिकूल भावों के स्वामी हैं तो किसी योग्य ब्राह्मण से तुरंत सूर्य शांति कराएं। इसके विपरीत यदि आपकी कुंडली में सूर्य की अच्छी स्थिति है अथवा सूर्य कुंडली के अच्छे भाव के स्वामी है तो आपको सूर्य देव की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए सूर्य ग्रहण वाले दिन संध्या समय में सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें।
हम यह आशा करते हैं कि सूर्य ग्रहण के बाद किए जाने वाले उपरोक्त उपायों के द्वारा आप सूर्य ग्रहण से मिलने वाले दुष्प्रभावों से बचने में सफल हो सकते हैं और जीवन में उत्तम सफलता अर्जित कर सकते हैं। साथ ही आपको स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी और आप जीवन में मान सम्मान के अधिकारी भी बनेंगे।
जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य का प्रकाश कुछ देर के लिए धरती तक नहीं पहुंच पाता, तब सूर्य ग्रहण होता है।
भारतीय संस्कृति में सूर्य ग्रहण को शुभ-अशुभ का संकेत माना जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। पूजा-पाठ, मंत्रजाप और ध्यान करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
ग्रहण के समय ब्रह्मांडीय ऊर्जा का असर ज्यादा होता है। गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें और सावधानी बरतें।
21–22 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है, जो न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया से देखा जा सकेगा। भारत में यह न तो दिखेगा और न ही सूतक लगेगा। इसलिए भारतीय श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
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