शारदा पूजा 2024: जानें पूजा की तारीख, शुभ मुहूर्त और विधि। मां शारदा से पाएं आशीर्वाद और समृद्धि!
दिवाली के त्योहार पर जहां माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा मुख्य रूप से की जाती है, वहीं देवी सरस्वती की पूजा भी विशेष महत्व है। सरस्वती जी को हिन्दू धर्म में ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से बुद्धि, विवेक और ज्ञान की प्राप्ति होती है। माता सरस्वती का एक नाम ‘शारदा’ भी है। गुजरात में अनुष्ठान को 'शारदा पूजा' या 'चोपड़ा पूजा' के नाम से भी जाना जाता है।
साल 2024 में शारदा पूजा 01 नवंबर, शुक्रवार को की जाएगी। इस दिन कार्तिक अमावस्या का भी शुभ संयोग रहेगा, जो पूजा को और अधिक शुभ बनाता है।
मां शारदा, जिनका अन्य नाम देवी सरस्वती है, विद्या और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि देवी लक्ष्मी से प्राप्त धन और समृद्धि तभी स्थायी हो सकते हैं जब व्यक्ति के पास बुद्धि और ज्ञान का भी साथ हो। इसलिए, देवी लक्ष्मी के साथ-साथ देवी सरस्वती की पूजा करना विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है।
ज्ञान और विद्या के बिना संपत्ति और समृद्धि किसी भी व्यक्ति के जीवन में अधिक समय तक नहीं रुक सकती। इसीलिए दिवाली के दिन देवी शारदा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह पूजा न केवल विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि व्यापारी वर्ग में भी इसकी खास मान्यता है, क्योंकि इस दिन गुजरात में नए बही-खाते यानी "चोपड़ा" की पूजा भी की जाती है।
शारदा पूजा के अनेक लाभ हैं, जो न केवल विद्यार्थियों बल्कि व्यापारियों और समाज के सभी वर्गों के लिए विशेष माने जाते हैं।
मां शारदा की पूजा से विद्यार्थियों के ज्ञान व बुद्धि में बढ़ोत्तरी होती है, और अध्ययन में मन लगता है। मान्यता है इस पूजा के प्रभाव से शिक्षा व करियर में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
गुजरात में शारदा पूजा के दिन ही नए बही-खातों की शुरुआत की जाती है, जिस कारण इस अनुष्ठान को ‘चोपड़ा पूजन’ कहा जाता है। मान्यता है कि इस पूजा से व्यापार में सफलता मिलती है।
ये पूजा करने से माता शारदा अपने भक्तों को न केवल ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद देती हैं, बल्कि जीवन भर धन- संपत्ति की कमी नहीं होने देती हैं।
तो ये थी जानकारी शारदा पूजा के बारे में। हमारी कामना है कि माता सरस्वती की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे। व्रत त्यौहारों व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।
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