सावन में भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं? जानिए कौन-कौन सी चीजें शिवजी को चढ़ाना शुभ होता है और किन चीजों से करना चाहिए परहेज।
सावन में भगवान शिव पर जल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, भस्म, धतूरा, आक का फूल, चंदन और सफेद फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है। ये सामग्री शिव को प्रसन्न करने के लिए अर्पित की जाती है।
श्रावण मास शिव भक्ति का सर्वोत्तम समय माना जाता है। इस पूरे माह में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है। शिवपुराण और धार्मिक शास्त्रों में वर्णित है कि श्रावण मास में कुछ विशेष वस्तुएं शिवलिंग पर अर्पित करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, साथ ही सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
आइए जानते हैं वे 10 प्रमुख वस्तुएं जिन्हें श्रावण मास में शिव जी को अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है:
श्रावण मास में शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। गंगाजल को सबसे पवित्र जल माना जाता है और यह शिव जी के सिर पर विराजित है, अतः उन्हें यह अत्यंत प्रिय है। शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है, और भक्त को जीवन में सुख-समृद्धि, मानसिक शांति प्राप्त होती है।
केसर अत्यंत शुभ और औषधीय गुणों से युक्त वस्तु है। शिवलिंग पर केसर से अभिषेक करने से व्यक्ति को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह पूजा में रजोगुण का संतुलन बनाए रखने वाला तत्व माना गया है। श्रावण मास में जो व्यक्ति केसर से भोलेनाथ की पूजा करता है, उसकी इच्छाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति मिलती है।
गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना आर्थिक समृद्धि प्रदान करने वाला उपाय माना जाता है। जो लोग गरीबी, कर्ज़ या आर्थिक संकटों से परेशान हैं, उनके लिए यह उपाय विशेष फलदायक होता है। श्रावण मास में गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करने से दरिद्रता का नाश होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
इत्र का प्रयोग शिव पूजा में मानसिक तनाव से राहत पाने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इसे भगवान शिव को हरकत करने से जातक को मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। यह उपाय उन लोगों के लिए खास है जो चिंता, अवसाद या अनावश्यक तनाव से जूझ रहे हैं।
शिवलिंग पर दूध चढ़ाना सबसे प्रचलित अभिषेक विधियों में से एक है। विशेष रूप से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए यह अत्यंत शुभ उपाय है। मान्यता है कि जो भक्त श्रावण मास में श्रद्धा और नियमपूर्वक दूध से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, उनकी संतान से जुड़ी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही, यह उपाय स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाला भी माना गया है।
दही चढ़ाने का प्रमुख उद्देश्य जीवन में आ रही बाधाओं को समाप्त करना होता है। अगर किसी कार्य में बार-बार रुकावटें आ रही हों या निर्णय लेने में समस्या हो रही हो, तो श्रावण मास में शिवलिंग पर दही अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। यह उपाय आपके जीवन में सकारात्मकता लाता है और सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।
घी से शिवलिंग पर अभिषेक करना स्वास्थ्य लाभ पाने का एक कारगर उपाय है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो लगातार बीमारियों या शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। घी एक ऊर्जा स्रोत भी है, जिसे शिवलिंग पर अर्पित करने से शरीर में स्फूर्ति, रोग प्रतिरोधक क्षमता और सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है।
चंदन को शीतलता और शांति का प्रतीक माना जाता है। श्रावण मास में शिवलिंग पर चंदन का लेप करने से जीवन में सुख, शांति और मानसिक संतुलन बना रहता है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो गृह क्लेश, मानसिक अशांति या पारिवारिक तनाव से जूझ रहे हैं। चंदन अर्पण करने से मन शांत होता है और जीवन में स्थिरता आती है।
शिवलिंग पर शहद अर्पित करने से मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा और समाज में उच्च स्थान की प्राप्ति होती है। यह उपाय उन लोगों के लिए अत्यंत प्रभावशाली है जो कार्यस्थल या सामाजिक जीवन में अपनी पहचान स्थापित करना चाहते हैं। शहद से शिवलिंग पर अभिषेक करने से वाणी में भी मिठास आती है।
ये तीनों वस्तुएं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय मानी जाती हैं। शिवपुराण के अनुसार, भांग और धतूरा शिव के तीसरे नेत्र से निकली ऊर्जा को शांत करने वाले तत्त्व हैं। बेलपत्र अर्पण के बिना शिव पूजा अधूरी मानी जाती है। ये तीनों चीजें अर्पित करने से भगवान शिव अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। श्रद्धापूर्वक इनका अर्पण करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और हर प्रकार की बाधा का नाश होता है।
श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा इन दस वस्तुओं से करने पर सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि, संतान, स्वास्थ्य, यश और शांति की प्राप्ति होती है। हमारी कामना है कि आपकी पूजा अर्चना सफल हो, और भगवान शिव आपकी मनोकामना पूर्ण करें। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' पर।
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