राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

क्या है धार्मिक महत्व और कैसा रहेगा आयोजन


राम मंदिर में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा ( Ram Mandir Pran-Pratishtha: Complete Information)

22 जनवरी 2024 को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के अवसर पर कई भव्य आयोजन किये जा रहे हैं, ऐसे में इस समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों के लिए भी विशेष प्रबंध किये जा रहे हैं। इस अवसर पर देश के कई अलग-अलग प्रांतों के व्यंजनों के भंडारे लगाये जायेंगे।

श्री राम जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक महत्व (Ram Mandir Pran-Pratishtha: Dharmik Mahatva)

  • श्री राम जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें किसी मूर्ति में ईश्वर का वास स्थापित किया जाता है। यह प्राण प्रतिष्ठा विशिष्ट पूजा और मंत्रों के माध्यम से की जाती है। सनातन धर्म में मूर्तियों को देवताओं का प्रतिनिधि माना जाता है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति में देवता का वास होता है और भक्त उस मूर्ति के माध्यम से देवता की पूजा कर सकते हैं।
  • प्राण प्रतिष्ठा ईश्वर के प्रति आस्था का एक प्रतीक है। यह भक्तों को यह विश्वास दिलाता है कि मूर्ति में देवता का वास है, और वे उस मूर्ति के माध्यम से देवता से जुड़ सकते हैं।
  • राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति भक्तों के लिए भक्ति का केंद्र बन जाती है। भक्त उस मूर्ति के माध्यम से देवता की पूजा करते हैं, और देवता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  • प्राण प्रतिष्ठा समाज में शांति और समृद्धि का प्रतीक है। यह भक्तों में आस्था और एकता को बढ़ावा देता है।

अयोध्या में श्री राम जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की विधि (Ram Mandir Pran-Pratishtha Ki Vidhi )

चलिए क्रमबद्ध रूप से जानते हैं कि मूर्ति प्रतिष्ठा के अंतर्गत कौन कौन से कार्य आते हैं।

1. श्री राम जी क मूर्ति का निर्माण

प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति का निर्माण किया जाता है। मूर्ति का निर्माण विशेष रूप से योग्य कारीगरों द्वारा किया जाता है।

2. श्री राम जी की मूर्ति की सफाई

मूर्ति निर्माण के बाद मूर्ति को अच्छी तरह से साफ किया जाता है।

3. श्री राम जी की मूर्ति का अभिषेक

मूर्ति को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद आदि से अभिषेक किया जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह बेहद महत्वपूर्ण कार्य माना गया है।

4. श्री राम जी के मंत्रों का जाप

मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मंत्रों का जाप किया जाता है। इस दौरान उच्चारण का विशेष ध्यान रखा जाता है क्योंकि माना जाता है कि गलत मंत्रों के उच्चारण से वे फलित नहीं होते हैं। कहा जाता है कि मंत्रो की ध्वनि वातावरण में सकारात्मकता का संचार करती है।

5. श्री राम जी का आवाहन

मंत्रों के जाप के बाद पूरे सच्चे मनोयोग से देवताओं का आवाहन किया जाता है। प्राण प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र है।

राम मंदिर के उद्घाटन में अतिथियों के लिये विशेष व्यवस्थाएं (Ayodhya: Ram Mandir Special arrangements for Guests)

आपको बता दें कि बाग बिजेसी के तीर्थ क्षेत्र पुरम में 20 हजार अतिथियों के लिए आवासीय व्यवस्था की जा रही है। यहां छह जगहों पर भोजनालय चलाया जायेगा, जिसके लिये तीन संचालक चयनित किये जा चुके हैं।

इस परिसर में दिल्ली, महाराष्ट्र, नागपुर व पंजाब के विशेष व्यंजन बनाये जायेंगे। भोजनालय की व्यवस्था प्रमुख विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज देख रहे हैं, और बाग बिजेसी में संपूर्ण व्यवस्था क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र सिंह सम्हालेंगे। इसके अलावा मणिराम दास जी की छावनी व कारसेवकपुरम में भी भंडारे का आयोजन किया जायेगा।

जिन प्रांतों के व्यंजन बनाये जायेंगे, वहां के भोजन बनाने वाले विशेषज्ञ अपने साथ सभी सामग्री भी लाएंगे। हिंदी भाषी प्रदेशों के अलावा तमिलनाडु, केरल, उड़ीसा, तेलंगाना सहित दक्षिण भारत के भंडारा संचालकों का चयन किया गया है। पूरी योजना के बारे में बात करें तो 35 स्टालों पर भंडारे का आयोजन किया जायेगा।

इस उत्सव में विशेष रूप से पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र के खानपान से जुड़े भंडारे चलाए जाएंगे, जिसका आनंद इस समारोह में सम्मिलित होने वाले देश-विदेश के सभी अतिथि व श्रद्धालु ले सकेंगे। इसमें उत्तर भारत के साथ-साथ दक्षिण भारत के लोकप्रिय व्यंजन परोसे जाएंगे। यहां पूड़ी, साग, हलुआ, दिल्ली का राजमा-चावल व पंजाबी भक्तों के लिए छोला-भटूरा, पराठा आदि व्यंजन बनाये जायेंगे।

इसके अलावा भक्त महाराष्ट्र की पावभाजी, राजस्थान की दाल बाटी व चूरमा का भी स्वाद ले सकेंगे। वहीं तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व केरल की खास इडली, डोसा व सांभर भी इस भंडारे के मुख्य आकर्षण होंगे।

भगवान रामलला के वस्त्र की खासियत (Specialty of Lord Ram Lala's clothes ) अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को भव्य रूप देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में भगवान की साज-सज्जा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के समय राम लला को धारण कराए जाने वाले वस्त्र को लेकर भी विशेष तैयारियां की जा रही हैं।

कहां तैयार हो रहे हैं रामलला के वस्त्र? (Where is Ramlala's clothes being prepared?)

रामलला के वस्त्र यूं तो पूरे देश और दुनिया के लोग समर्पित करना चाह रहे हैं लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट की मानें तो पुणे के कुछ लोग 10 दिसंबर यानी रविवार से भगवान राम लला के वस्त्र का निर्माण प्रारंभ कर चुके हैं।

बताया जा रहा है कि राम लला का वस्त्र सोने के धागे से तैयार किया जाएगा, यानि इस वस्त्र की सिलाई सोने के धागे से की जाएगी। इसके लिए 'दो धागे श्रीराम के लिए' नाम से एक मुहिम भी चलाई गई है, जिससे इस वस्त्र के निर्माण में भक्तों को अपना योगदान देने का अवसर मिल रहा है।

आपको बता दें कि ये पहल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र-अयोध्या और हेरिटेज हैंडवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट-पुणे के सहयोग से शुरू की गई है।

जब 22 जनवरी को रामलला के नए मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो उनकी अद्भुत छवि सोने के मुकुट, रत्नजड़ित माला व सोने के वस्त्र से सुसज्जित होगी। अपने भव्य परिधान में रामलला सोने के सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।

राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने राम लला के वस्त्र के बारे में बात करते हुए कहा कि भगवान के लिए देश भर के अनेक लोग सुंदर वस्त्र तैयार कर रहे हैं। पुणे, गुजरात के साथ-साथ कई अन्य जगहों पर भी वस्त्र तैयार किये जा रहे हैं।

गोविंद देव गिरि के अनुसार सभी वस्त्र तैयार होने के बाद जो सबसे अच्छा लगेगा, प्राण प्रतिष्ठा के समय रामलला वही वस्त्र धारण करेंगे।

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