ज्येष्ठ मास 2025 कब से कब तक है?
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ज्येष्ठ मास 2025 कब से कब तक है?

जानिए ज्येष्ठ मास 2025 की शुरुआत और समापन की तिथि, इस मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार, और धार्मिक मान्यताएँ।

ज्येष्ठ मास के बारे में

ज्येष्ठ मास हिंदू पंचांग का तीसरा महीना होता है, जो ग्रीष्म ऋतु के चरम पर आता है। यह तप, संयम और सेवा का महीना माना जाता है। इसमें गर्मी अधिक होती है, इसलिए जलदान, व्रत और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी प्रमुख पर्व हैं।

ज्येष्ठ मास 2025

सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का एक विशेष महत्व है। इस माह में सूर्य देव के साथ-साथ वरुण देव की आराधना करने से विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस माह में कई बड़े पर्व आ रहे हैं। जैसे एकदंत संकष्टी चतुर्थी, मासिक कालाष्टमी व्रत, अपरा एकादशी, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी आदि।

कब है ज्येष्ठ मास प्रारम्भ?

हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ वर्ष का तीसरा माह है, जिसे चन्द्र हिन्दू कैलेंडर में ज्येष्ठ मास कहा जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह माह मई व जून का महीना होता है। सामान्य बोलचाल की भाषा में ज्येष्ठ मास को जेठ का माह भी कहा जाता है।

  • ज्येष्ठ मास प्रारंभ : 13 मई 2025, मंगलवार
  • ज्येष्ठ मास समापन : 11 जून 2025, बुधवार

इस मास का नाम ज्येष्ठ कैसे पड़ा?

ज्येष्ठ माह में तापमान अपने चरम पर होता है। इन दिनों सर्वाधिक बड़े दिन भी होते हैं। इस कारण सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ नाम दिया गया है, जेठ के माह को जल से भी जोड़ा गया है,ताकि जल का अधिकतम संरक्षण किया जा सके। इसलिए जेठ के महीने में जल से जुड़े व्रत एवं पर्व भी मनाएं जाते हैं।

ज्येष्ठ मास का धार्मिक महत्व क्या है?

  • ज्येष्ठ महीने में सूर्य देव अत्यंत रौद्र रूप में होते हैं, जिसके चलते गर्मी बेहद बढ़ जाती है, इसके साथ ही बढ़ जाता है पानी का महत्व। शास्त्रों में इस महीने में पानी के संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया है।
  • ज्येष्ठ मास में जल के दान का महत्व बहुत बड़ा माना जाता है। भीषण गर्मी में कई स्थानों पर पानी की कमी के कारन लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल पाता, इसलिए इस महीने जल-दान करना अत्यंत लाभकारी बताया गया है।
  • जेठ माह में घर की किसी भी खुली जगह, बालकनी या छत पर चिड़ियों के लिए दाना और पानी रखना चाहिए। क्योंकि गर्मी के कारण नदी-तालाब सूख जाते हैं और पक्षियों को पानी नहीं मिल पाता। साथ ही धार्मिक मान्यता भी है कि पक्षियों को दाना-पानी देना अत्यंत लाभकारी भी होता है।
  • पौराणिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में भगवान श्री राम से हनुमान जी की पहली बार भेंट हुई थी, इसलिए यह माह हनुमान जी की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है। जेठ में श्री राम जी के साथ हनुमान जी की पूजा करना शुभ फलदायी होता है।

ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले प्रमुख पर्व एवं व्रत

क्रमत्योहार / पर्वतिथिदिन
1वृषभ संक्रान्तिमई 15, 2025बृहस्पतिवार
2एकदन्त संकष्टी चतुर्थीमई 16, 2025शुक्रवार
3कालाष्टमीमई 20, 2025मंगलवार
4मासिक कृष्ण जन्माष्टमीमई 20, 2025मंगलवार
5हनुमान जयन्ती (तेलुगु)मई 22, 2025बृहस्पतिवार
6अपरा एकादशीमई 23, 2025शुक्रवार
7शनि त्रयोदशीमई 24, 2025शनिवार
8प्रदोष व्रतमई 24, 2025शनिवार
9मासिक शिवरात्रिमई 25, 2025रविवार
10वट सावित्री व्रतमई 26, 2025सोमवार

तो दोस्तों, ये थी ज्येष्ठ प्रारंभ उत्तर से जुड़ी खास जानकारी। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' के साथ।

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Published by Sri Mandir·April 29, 2025

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