जानिए ज्येष्ठ मास 2025 की शुरुआत और समापन की तिथि, इस मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार, और धार्मिक मान्यताएँ।
ज्येष्ठ मास हिंदू पंचांग का तीसरा महीना होता है, जो ग्रीष्म ऋतु के चरम पर आता है। यह तप, संयम और सेवा का महीना माना जाता है। इसमें गर्मी अधिक होती है, इसलिए जलदान, व्रत और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी प्रमुख पर्व हैं।
सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का एक विशेष महत्व है। इस माह में सूर्य देव के साथ-साथ वरुण देव की आराधना करने से विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस माह में कई बड़े पर्व आ रहे हैं। जैसे एकदंत संकष्टी चतुर्थी, मासिक कालाष्टमी व्रत, अपरा एकादशी, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी आदि।
हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ वर्ष का तीसरा माह है, जिसे चन्द्र हिन्दू कैलेंडर में ज्येष्ठ मास कहा जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह माह मई व जून का महीना होता है। सामान्य बोलचाल की भाषा में ज्येष्ठ मास को जेठ का माह भी कहा जाता है।
ज्येष्ठ माह में तापमान अपने चरम पर होता है। इन दिनों सर्वाधिक बड़े दिन भी होते हैं। इस कारण सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ नाम दिया गया है, जेठ के माह को जल से भी जोड़ा गया है,ताकि जल का अधिकतम संरक्षण किया जा सके। इसलिए जेठ के महीने में जल से जुड़े व्रत एवं पर्व भी मनाएं जाते हैं।
क्रम | त्योहार / पर्व | तिथि | दिन |
1 | वृषभ संक्रान्ति | मई 15, 2025 | बृहस्पतिवार |
2 | एकदन्त संकष्टी चतुर्थी | मई 16, 2025 | शुक्रवार |
3 | कालाष्टमी | मई 20, 2025 | मंगलवार |
4 | मासिक कृष्ण जन्माष्टमी | मई 20, 2025 | मंगलवार |
5 | हनुमान जयन्ती (तेलुगु) | मई 22, 2025 | बृहस्पतिवार |
6 | अपरा एकादशी | मई 23, 2025 | शुक्रवार |
7 | शनि त्रयोदशी | मई 24, 2025 | शनिवार |
8 | प्रदोष व्रत | मई 24, 2025 | शनिवार |
9 | मासिक शिवरात्रि | मई 25, 2025 | रविवार |
10 | वट सावित्री व्रत | मई 26, 2025 | सोमवार |
तो दोस्तों, ये थी ज्येष्ठ प्रारंभ उत्तर से जुड़ी खास जानकारी। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' के साथ।
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