जन्माष्टमी की पूजा विधि
जन्माष्टमी की पूजा विधि

जन्माष्टमी की पूजा विधि

6 सितम्बर, 2023 जानें पूजा की सामग्री और विधि


जन्माष्टमी का शुभ अवसर आने वाला है और हमें पता है कि आप सभी अपने आराध्य का जन्मोत्सव मनाने के लिए उत्सुक हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। कई घरों में लड्डू गोपाल जी को एक शिशु की तरह रखा जाता है। साथ ही उनका ख्याल घर के सदस्य के रूप में प्रेमपूर्वक रखते हैं।

लोग शौक से उन्हें रोज़ बड़े ही सुंदर तरीके से तैयार करते हैं और उनकी आराधना करते हैं। जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल जी को सजाने का महत्व और भी अधिक हो जाता है। क्योंकि यह दिन भगवान और भक्तों दोनों के लिए ही काफी ख़ास होता है। तो चलिए जानते हैं कि आप किस प्रकार जन्माष्टमी पर अपने लड्डू गोपाल को सुंदर तरीके से तैयार कर सकते हैं।

जन्माष्टमी की पूजा विधि

सबसे पहले आप लड्डू गोपाल जी को स्नान करवाएं। आप चाहें तो दूध, पंचामृत या फिर शुद्ध जल से भगवान को एक साफ पात्र में स्नान करवा सकते हैं।

स्नान के बाद आप अपने लड्डू गोपाल जी को आकर्षक रंग की पोशाक पहनाएं। क्योंकि इस दिन की तरह भगवान जी की पोशाक भी बेहद खास होनी चाहिए। वैसे भी आजकल बाज़ारों में भगवान के लिए विभिन्न रंगों और डिज़ाइन की पोशाके मौजूद हैं, आप किसी भी चटक रंग की खूबसूरत पोशाक बाल-गोपाल को पहना सकते हैं।

अब भक्त अपने लड्डू गोपाल को मुकुट पहनाएं। अगर आप अपने लड्डू गोपाल जी के सिर पर बाल रखते हैं तो पहले उन्हें पहले बाल पहनाएं फिर बाद में मुकुट पहनाएं। इसके साथ ही मुकुट मोर पंख अवश्य लगाएं।

मुकुट पहनाने के बाद भक्तजन लड्डू गोपाल के माथे पर चंदन का तिलक लगाएं। तिलक के बिना बाल-गोपाल का श्रृंगार अधूरा माना जाता है।

इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर आप उन्हें विभिन्न प्रकार के आभूषण भी पहना सकते हैं। जैसे उनके कानों पर बालियां, हाथों में कंगन, गले में हार। ये आभूषण आपके लड्डू गोपाल के रूप में चार चाँद लगा देंगे। अगर आभूषण उनकी पोशाक से मिलते-जुलते हैं तो उनका रूप और भी खिल उठेगा।

आभूषणों से लड्डू गोपाल को सजाने के बाद, आप उनके हाथों में एक छोटी सी बांसुरी अवश्य रख दें, क्योंकि बाल गोपाल को बांसुरी अत्यंत प्रिय है।

अंत में आप अपने लड्डू गोपाल जी को इत्र लगा दें, जिससे वह सुगंधित हो जाएंगे। इसी के साथ लड्डू गोपाल जी का श्रृंगार पूरा होता है। श्रृंगार के बाद कान्हा को झूले में बैठाएं और फिर आप उनकी पूजा कर सकते हैं।

हमें पूरी उम्मीद है कि इस प्रकार श्रृंगार करने से आपके कान्हा जी अत्यंत सुंदर लगेंगे।

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