विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त
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विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त

क्या आप ढूंढ रहे हैं विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त? यहाँ पढ़ें पूजा की तिथि, समय और विधि की पूरी जानकारी।

विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त के बारे में

हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा इस सृष्टि के पहले शिल्पकार हैं। उन्होंने ब्रह्मा जी द्वारा बनाई गई दुनिया को सुंदर बनाने का काम किया। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि भगवान विश्वकर्मा ने रामायण काल में सोने की लंका और श्री कृष्ण के समय में द्वारका नगरी का निर्माण किया था।

विश्वकर्मा पूजा 2025

सृष्टि के पहले शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर साल तब की जाती है जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने रावण की सोने की लंका और श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी का निर्माण किया। इस वजह से लोहा, औजार और मशीनों को उनके समर्पित मानकर पूजा की जाती है। ऐसा करने से वे प्रसन्न होते हैं और व्यवसाय में सफलता और समृद्धि प्रदान करते हैं।

विश्वकर्मा पूजा 2025 तारीख और मुहूर्त

विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर, 2025 को बुधवार के दिन मनाई जाएगी। यह पूजा आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के साथ कन्या संक्रांति के अवसर पर होती है।

मुहूर्त: इस साल कन्या संक्रांति का समय रात 01:55 बजे का रहेगा।

मुहूर्त का महत्व

मुहूर्त का अर्थ है शुभ समय या विशेष कालखण्ड, जिसे किसी कार्य को करने के लिए सबसे उचित माना जाता है। हिंदू परंपरा में किसी भी महत्वपूर्ण काम जैसे विवाह, गृह प्रवेश, पूजा, यात्रा या व्यवसायिक शुरुआत—को सही मुहूर्त में करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

1. सकारात्मक ऊर्जा और सफलता

  • शुभ मुहूर्त में कार्य करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • यह कार्य में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
  • उदाहरण के लिए, पूजा, व्यवसाय या नए प्रोजेक्ट की शुरुआत मुहूर्त में करना लाभकारी माना जाता है।

2. बाधाओं और नकारात्मक प्रभाव से सुरक्षा

  • गलत समय पर कोई महत्वपूर्ण कार्य करने से समस्याएँ या बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • शुभ मुहूर्त में कार्य करने से नकारात्मक प्रभाव और बाधाओं से सुरक्षा मिलती है।

3. आध्यात्मिक और मानसिक शांति

  • मुहूर्त में पूजा या धार्मिक क्रियाएँ करने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
  • व्यक्ति मानसिक रूप से संतुलित और सकारात्मक अनुभव करता है।

4. कर्मों और ग्रहों पर प्रभाव

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह और नक्षत्रों का हमारे कार्यों पर प्रभाव होता है।
  • मुहूर्त का पालन करने से कार्य सही दिशा और समय पर संपन्न होता है।

5. पारिवारिक और सामाजिक लाभ

  • शुभ मुहूर्त में विवाह, गृह प्रवेश या अन्य समारोह करने से परिवार और समाज में सम्मान बढ़ता है।
  • सभी लोग कार्य में विश्वास और भक्ति के साथ जुड़ते हैं।

विश्वकर्मा पूजा की विधि

विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान विश्वकर्मा की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से कारखाने, ऑफिस और औजारों की पूजा के लिए की जाती है। इस पूजा का उद्देश्य कार्यस्थल में सुरक्षा, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाना है।

1. पूजा स्थल की तैयारी

  • पूजा स्थल को साफ और व्यवस्थित करें।
  • चौकी या टेबल पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएँ।
  • वहाँ भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या फोटो लगाए।
  • फूल, तुलसी का पौधा और दीपक सजाएँ।

2. उपकरण और औजारों की पूजा

  • फैक्ट्री के औजार, मशीनें अच्छी तरह साफ करें।
  • इनके ऊपर हल्दी, रोली और फूल चढ़ाएँ।
  • इससे उपकरणों की दीर्घायु और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होता है।

3. मंत्र और जाप

  • दीपक और अगरबत्ती जलाएं ।
  • भगवान विश्वकर्मा के सामने “ॐ श्री विश्वकर्माय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • परिवार और सहकर्मी मिलकर मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं।

4. प्रसाद अर्पित करना

  • पूजा स्थल पर फल, मिठाई और नारियल अर्पित करें।
  • अर्पित प्रसाद का वितरण परिवार और सहकर्मियों में करें।

5. आरती और समापन

  • दीपक और अगरबत्ती के साथ आरती करें।
  • सभी सदस्य भगवान से सुरक्षा, समृद्धि और सफलता की प्रार्थना करें।
  • पूजा के बाद स्थल और उपकरणों को साफ रखें।

विश्वकर्मा पूजा के लाभ

1. व्यावसायिक सफलता और समृद्धि

  • इस दिन कार्यस्थल और उपकरणों की पूजा करने से व्यवसाय में वृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
  • मशीनों और औजारों की देखभाल सुनिश्चित होती है, जिससे कार्य में बाधाओं और नुकसान की संभावना कम हो जाती है।

2. पाज़िटिव एनर्जी और मानसिक शांति

  • पूजा स्थल और कार्यस्थल को सजाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • इससे परिवार और कर्मचारियों का मन शांत, स्थिर और उत्साहित रहता है।

3. सुरक्षा और दीर्घायु

  • औजारों और मशीनों की पूजा से उनका दीर्घायु और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होता है।
  • कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं या नुकसान की संभावना घटती है।

4. आध्यात्मिक लाभ

भगवान विश्वकर्मा की आराधना करने से आध्यात्मिक शक्ति और भक्ति भाव बढ़ता है। व्यक्ति अपने कार्यों में निष्ठा और अनुशासन के साथ जुड़ता है।

5. परिवार और समाज में सम्मान

  • पूजा करने से परिवार और समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।
  • सभी लोग मिलकर पूजा में भाग लेते हैं, जिससे सामूहिक सहयोग और सौहार्द्र बढ़ता है।

निष्कर्ष

भगवान विश्वकर्मा की पूजा का पर्व मुख्य रूप से कामगारों और उनके उपकरणों से जुड़ा हुआ है। हिंदू मान्यता के अनुसार, अगर इस पूजा को विधि-विधान से किया जाए, तो पूरे साल काम बिना किसी बाधा के बढ़ता है। भगवान विश्वकर्मा की कृपा से व्यवसाय और काम में मनचाही प्रगति प्राप्त होती है।

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Published by Sri Mandir·September 15, 2025

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