क्या आप ढूंढ रहे हैं भक्ति से भरपूर सावन भजन? सुनें और गायें शिव भक्ति के ये भजन जो आपके मन को शांति और श्रद्धा से भर देंगे।
सावन भजन भगवान शिव की स्तुति में गाए जाने वाले भक्तिपूर्ण गीत होते हैं। ये भजन श्रावण माह में विशेष रूप से गाए जाते हैं, जिनमें भोलेनाथ की महिमा, कृपा और भक्तों के प्रति उनका स्नेह भावपूर्ण रूप में व्यक्त होता है।
भजन एक प्रकार का भक्ति गीत होता है जो भगवान की स्तुति, उनके नाम का स्मरण और गुणगान करने के लिए गाया जाता है। जब हम भगवान शिव की आराधना में भजन गाते हैं, तो वह न केवल एक आध्यात्मिक साधना बन जाता है, बल्कि आत्मा को परम शांति और आनंद की अनुभूति भी कराता है।
शिव भजन भगवान शिव के लिए प्यार, भक्ति, आस्था और समर्पण दिखाने का एक सरल और प्रभावशाली तरीका है। इसमें भोलेनाथ के विभिन्न रूपों, लीलाओं, महिमा और उनके नामों का गायन किया जाता है, जैसे रुद्र, नीलकंठ, महादेव, शंकर, त्रिपुरारी, महाकाल, और कैलाशपति। शिव भजन न केवल एक साधारण गीत होता है बल्कि यह मन की चेतना को जाग्रत करता है, ध्यान लगाने में मदद करता है और भगवान से गहरा जुड़ाव महसूस कराता है।
हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा के अनुसार अलग-अलग तरीकों से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करता है। उनमें से एक सरल और प्रभावशाली तरीका है भजन गाना। खासकर सोमवार, शिवरात्रि, महाशिवरात्रि और श्रावण मास जैसे पावन अवसरों पर शिव भजन गाए जाते हैं। ये भजन केवल पूजा का माध्यम नहीं होते, बल्कि वे मन को एकाग्र करने, ध्यान लगाने और आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ने का मार्ग भी होते हैं। उन्हीं में से एक लोकप्रिय शिव भजन है -
ओ बाबा, तेरी क्या ही बात है,
भोले शंकरा, तेरी क्या ही बात है।
दूर होकर भी तू साथ है,
हाँ, दूर होकर भी तू साथ है।
खुद को मैं कर दूँ तुझको समर्पण,
मैं तेरा आँसू हूँ, तू मेरा दर्पण।
तेरे ही होने से मेरी सारी ज़िंदगी सधी है,
लागी मेरी तेरे संग, लगी मेरे शंकरा।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग, मेरे शंकरा।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग, मेरे शंकरा।
तू पिता है मेरा, और तू ही रहेगा,
मेरी हर गलती को तू हँस के सहेगा।
तेरे ताप से मन का उड़ गया है पंछी,
सब तेरी बदौलत है, आज ये रघुवंशी।
तू ही सूक्ष्म है, और तू ही विशाल है,
तू ही उत्तर है, और तू ही सवाल है।
तू ही सत्य है, बाकी ज़िंदगी विनाश की है।
लागी मेरी तेरे संग, लगी मेरे शंकरा।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग, मेरे शंकरा।
ध्यान में है मगन, तन पे ओढ़े केशर चोली,
मुझे अपने रंग में रंग दे, संग खेल ले होली।
ना आसान है राह, न कोई है खटोली,
मुझे अपने रंग में रंग दे, संग खेल ले होली।
बस भी करो मेरे शंकरा,
भांग रगड़ के बोली ये गौरा।
तुम नहीं राजी हो, गौरा लोट के राजी है।
लागी मेरी तेरे संग, लगी मेरे शंकरा।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग, मेरे शंकरा।
शिव भजन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, भगवान शिव के प्रति सच्ची श्रद्धा और भक्ति का भाव मन में होना अत्यंत आवश्यक है। भजन करते समय "ॐ नमः शिवाय" जैसे पवित्र मंत्रों का जाप किया जा सकता है, जिससे मन को एकाग्रता और शांति मिलती है। साथ ही, शिव चालीसा और शिव आरती का नियमित रूप से पाठ करना भी अत्यंत फलदायी होता है। ये सभी उपाय न केवल भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं, बल्कि साधक के मन को शांति, सकारात्मक ऊर्जा और गहन आध्यात्मिक बल भी प्रदान करते हैं।
शिव भजन भगवान शिव के प्रति अपने प्रेम, भक्ति और भावनाओं को व्यक्त करने का एक सुंदर और असरदार तरीका है। यह सिर्फ पूजा का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसमें हर शब्द और हर स्वर के साथ "ॐ नमः शिवाय" की गूंज मन को शांति देती है और आत्मा को मोक्ष के रास्ते पर ले जाती है। शिव भजन करने से
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