क्या आप आत्मबल, सकारात्मक ऊर्जा और भयमुक्त जीवन चाहते हैं? 9 मुखी रुद्राक्ष माँ दुर्गा की कृपा से शक्ति और सफलता प्रदान करता है। जानिए इसका रहस्य!
रुद्राक्ष एक पवित्र और शक्तिशाली बीज है, और हिन्दू पुराणों के अनुसार इसमें भगवान शिव का आशीर्वाद निहित है। यह भी कहा जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति को समृद्धि, मानसिक शांति और विभिन्न स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। रुद्राक्ष का उल्लेख पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में किया गया है और इसे विभिन्न मुखों अर्थात इसकी सतह पर बनी रेखाओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। प्रत्येक मुख वाला रुद्राक्ष एक विशिष्ट देवता और ऊर्जा से जुड़ा होता है।
9 मुखी रुद्राक्ष मां दुर्गा और भगवान भैरव का प्रतीक माना जाता है। यह अत्यंत शक्तिशाली रुद्राक्ष है, जो व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा, भय और बाधाओं से मुक्त करता है। इसमें नव शक्तियों का वास होता है और इसे धारण करने वाले व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास, और शक्ति प्राप्त होती है। यह रुद्राक्ष मुख्य रूप से नेपाल और इंडोनेशिया में पाया जाता है और इसकी पूजा-अर्चना से विशेष लाभ मिलते हैं।
भगवान शिव को रुद्राक्ष का जनक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने संसार की पीड़ा को देखा, तो उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे। उन्हीं आंसुओं से रुद्राक्ष वृक्ष उत्पन्न हुए। इस प्रकार, रुद्राक्ष को भगवान शिव का दिव्य अंश माना जाता है। 9 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से भगवान शिव और देवी दुर्गा से संबंधित है। शिव पुराण में कहा गया है कि 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को शिव जी एवं देवी दुर्गा दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्यक्ति को मोक्ष की ओर अग्रसर करता है और उसमें आध्यात्मिक चेतना को जगाता है।
नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: यह रुद्राक्ष व्यक्ति को बुरी शक्तियों, बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।
भय और चिंता से मुक्ति: इसे धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और भय, तनाव, और चिंता दूर होती है।
धन और समृद्धि: इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है और आर्थिक स्थितियों में सुधार होता है।
स्वास्थ्य लाभ: यह हृदय रोग, रक्तचाप और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं में लाभकारी होता है।
साहस और शक्ति: 9 मुखी रुद्राक्ष इसे धारण करने वाले व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से स्थिरता प्रदान करता है।
कुंडली दोष से मुक्ति: यह रुद्राक्ष राहु ग्रह से संबंधित दोषों को समाप्त करता है और नवग्रहों को संतुलित करता है।
कर्म बाधा से मुक्ति: इसे धारण करने से जीवन में आने वाली बाधाओं और समस्याओं का समाधान मिलता है।
साधकों और योगियों के लिए यह रुद्राक्ष विशेष रूप से लाभकारी होता है। साथ ही यह महिलाओं को शक्ति, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
9 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे विधिपूर्वक शुद्ध करना आवश्यक होता है। इसे धारण करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
रुद्राक्ष को सबसे पहले गंगाजल या कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करें।
इसे धारण करने से पहले "ॐ ह्रीं हुं नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
रुद्राक्ष को धूप-दीप दिखाकर भगवान शिव और माता दुर्गा की पूजा करें।
इसे गले में रुद्राक्ष माला के रूप में या दाहिने हाथ की कलाई में धारण किया जा सकता है।
इसे धारण करने के बाद नकारात्मक विचारों और गलत कर्मों से बचें।
9 मुखी रुद्राक्ष को किसी शुभ तिथि, विशेष रूप से मंगलवार या शुक्रवार के दिन धारण करना अधिक लाभकारी होता है।
इसे धारण करने से पहले किसी योग्य पंडित या गुरु से सलाह लेना भी उचित होता है।
रुद्राक्ष खरीदते समय इसकी वास्तविकता की जांच करना आवश्यक होता है। निम्नलिखित तरीके अपनाकर आप असली 9 मुखी रुद्राक्ष की पहचान कर सकते हैं:
9 मुखी रुद्राक्ष के प्रत्येक मुख स्पष्ट और गहरे होने चाहिए।
असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर नीचे डूब जाता है, जबकि नकली रुद्राक्ष तैर सकता है।
रुद्राक्ष को गर्म सुई से छूने पर इसमें प्लास्टिक या रसायनों की गंध नहीं आनी चाहिए।
असली रुद्राक्ष में प्राकृतिक रेखाएं और बनावट होती है, जबकि नकली रुद्राक्ष में अत्यधिक चमक हो सकती है।
खरीदते समय प्रतिष्ठित विक्रेता से प्रमाण पत्र सहित ही रुद्राक्ष लें।
9 मुखी रुद्राक्ष एक अत्यंत शक्तिशाली और शुभ रुद्राक्ष है, जो नवदुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल आध्यात्मिकता बढ़ाने में सहायक होता है, बल्कि स्वास्थ्य, मनोबल और सफलता प्राप्त करने में भी मदद करता है। अतः इसे विधिपूर्वक धारण करके इसका संपूर्ण लाभ अवश्य प्राप्त करें।
रुद्राक्ष के अन्य स्वरूपों की जानकारी पाने के लिए श्री मंदिर के साथ बने रहें।
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