क्या आप जीवन में अपार समृद्धि और दिव्यता चाहते हैं? 24 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सुख, शांति और आध्यात्मिक जागृति प्राप्त होती है। जानिए इसका रहस्य!
रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। माना जाता है कि यह भगवान शिव के अश्रुओं से उत्पन्न हुआ मनका है और इसे धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति प्राप्त होती है। रुद्राक्ष अनेक प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष का अपना विशेष महत्व और लाभ होता है। इन सभी में 24 मुखी रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली माना जाता है। यह विशेष रूप से उच्च आध्यात्मिकता, सफलता, समृद्धि और शक्ति प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता है।
24 मुखी रुद्राक्ष एक अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली रुद्राक्ष होता है। इसका संबंध भगवान विष्णु से होता है। इसकी दुर्लभता के कारण इसका आध्यात्मिक, मानसिक एवं भौतिक जीवन में अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को आत्मिक एवं मानसिक शांति, आर्थिक स्थिरता और समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है।
रुद्राक्ष शब्द ‘रुद्र’ अर्थात भगवान शिव और ‘अक्ष’ अर्थात आंख से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “भगवान शिव के आंसू”। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने संसार की पीड़ा को देखा, तो उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे। उन्हीं आंसुओं से रुद्राक्ष वृक्ष उत्पन्न हुए। इस प्रकार, रुद्राक्ष को भगवान शिव का दिव्य अंश माना जाता है। प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के विभिन्न रूपों और शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। 24 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु से भी संबंधित है, जो सृष्टि के पालनकर्ता हैं। इस तरह, यह रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों के आशीर्वाद का भागी बनता है। 24 मुखी रूद्राक्ष जीवन में स्थिरता, सफलता और आध्यात्मिक ज्ञान का कारक है।
यह रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिकता का विस्तार होता है और ध्यान में रूचि बढ़ती है।
यह रुद्राक्ष विशेष रूप से व्यापारियों, उद्यमियों और उच्च पदों पर कार्यरत लोगों के लिए लाभकारी होता है।
24 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जीवन में उन्नति, सफलता और खुशहाली आती है।
यह कई प्रकार की बीमारियों, विशेष रूप से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक माना जाता है।
यह व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर, शत्रुओं और अनिष्ट शक्तियों से बचाने में सहायक होता है।
यह रुद्राक्ष संतान सुख की इच्छा रखने वाले दंपतियों के लिए भी शुभ होता है।
24 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे शुद्ध और सिद्ध किया जाता है। इसे सही विधि से धारण करने से अधिकतम लाभ प्राप्त होता है।
24 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे गंगाजल या कच्चे दूध से धो लें।
रुद्राक्ष को भगवान शिव के चरणों में रखकर, पंचामृत से स्नान कराएं और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें।
इसे सोमवार, पूर्णिमा, या एकादशी तिथि के दिन धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
इसे रुद्राक्ष माला में पिरोकर गले या दाहिने हाथ में धारण किया जाता है।
24 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले "ॐ ह्रीं ह्रीं नमः" मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
इसे धारण करने के बाद सात्विक आहार और शुद्ध आचरण का पालन करें।
24 मुखी रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ होता है और बाजार में इसकी नकली प्रतियां भी प्रचलित हैं। इसे खरीदते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
असली रुद्राक्ष का मुख स्पष्ट और गहरी लकीरों वाला होता है। इसे जल में डालने पर यह डूब जाता है, जबकि नकली रुद्राक्ष पानी की सतह पर तैरता है।
असली रुद्राक्ष को छूने पर एक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
रुद्राक्ष को केवल प्रमाणित विक्रेताओं या आधिकारिक स्रोतों से ही इसे खरीदें।
असली रुद्राक्ष भूरे या हल्के पीले रंग का होता है, जबकि नकली रुद्राक्ष को चमकदार बनाने के लिए उस पर रसायन लगाया जा सकता है।
24 मुखी रुद्राक्ष एक दिव्य रुद्राक्ष है, जो व्यक्ति के जीवन में गहरा प्रभाव डालता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को अन्य लाभों के साथ स्वास्थ्य में भी लाभ प्राप्त होता है। हालांकि, इसे धारण करने से पहले इसकी शुद्धता, प्राण-प्रतिष्ठा और सही विधि का पालन करना आवश्यक होता है।
यदि आप अपने जीवन में स्थिरता और सफलता पाना चाहते हैं, तो 24 मुखी रुद्राक्ष को सही विधि से धारण करें और अन्य रुद्राक्ष की जानकारी पाने के श्री मंदिर से जुड़े रहे।
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