क्या आप अटूट आत्मविश्वास, साहस और आध्यात्मिक शक्ति चाहते हैं? 11 मुखी रुद्राक्ष भगवान हनुमान की कृपा से निडरता, सफलता और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। जानिए इसका रहस्य!
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार, भगवान हनुमान का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है, बल्कि आत्मविश्वास, साहस और मानसिक शांति प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को अपार बल, ऊर्जा और सफलता की प्राप्ति होती है। यह विशेष रूप से उन जातकों के लिए लाभकारी माना जाता है जो साहसिक कार्यों, रक्षा सेवाओं, खेल, राजनीति और आध्यात्मिक मार्ग में आगे बढ़ना चाहते हैं। चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं 11 मुखी रुद्राक्ष के बारे में।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष एक प्राकृतिक बीज है, जिसकी सतह पर ग्यारह स्पष्ट रेखाएँ (मुख) होती हैं। यह मुख्य रूप से नेपाल और इंडोनेशिया में पाया जाता है। इसे हनुमान जी का स्वरूप माना जाता है, जो भक्ति, शक्ति और निर्भयता के प्रतीक हैं। यह रुद्राक्ष व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से बचाने में मदद करता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के आंसुओं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई थी। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से हनुमान जी से संबंधित है, जिन्हें भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार माना जाता है। भगवान हनुमान, जिन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त है, अद्वितीय शक्ति, भक्ति और साहस के प्रतीक हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने से जातक को हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है, और वे भय व मानसिक अशांति से मुक्त हो जाते हैं। यह रुद्राक्ष जातकों के अंदर भक्ति, मानसिक शांति और निर्भयता को बढ़ाने में सहायक होता है।
यह रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को आत्मबल और आत्मविश्वास मिलता है। यह उसे भयमुक्त रहने और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार करता है।
यह रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के भीतर मानसिक स्थिरता आती है और वह तनाव एवं चिंता से मुक्त रहता है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से बचाने में सहायक होता है। इसे धारण करने से व्यक्ति बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षित रहता है।
इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है, जिससे वह पढ़ाई और कार्यक्षेत्र में अधिक सफलता प्राप्त करता है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष हृदय, रक्तचाप और स्नायु तंत्र (नर्वस सिस्टम) को मजबूत करने में सहायक माना जाता है। यह विशेष रूप से शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
जो लोग लंबे समय से कानूनी मामलों में उलझे हुए हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। यह व्यक्ति को न्यायिक मामलों में सफलता दिलाने में सहायक होता है।
यह रुद्राक्ष ध्यान, योग और आध्यात्मिक साधना में सहायक होता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे विधिपूर्वक सिद्ध और शुद्ध करना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं इसे धारण करने की विधि:
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष प्रातः स्नान करके और शुद्ध वस्त्र धारण करने के बाद पूजा करके पहनना चाहिए।
गुरुवार और मंगलवार को ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
सबसे पहले ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर साफ करें।
अब धूप दीप जलाकर भगवान शिव, हनुमान जी व विष्णु जी की पूजा करें।
इस रुद्राक्ष को धारण करने से पहले "ॐ ह्रीं हूं नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। आप "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
आप ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को सोने, चांदी, पंचधातु की चेन या लाल/काले धागे में पिरोकर पहन सकते हैं। इसे गले में धारण करना अधिक लाभकारी माना जाता है।
रुद्राक्ष को पहनने के दौरान शराब, मांसाहार और बुरी संगत से बचना चाहिए।
असली रुद्राक्ष पर 11 स्पष्ट मुख होने चाहिए, जो ऊपर से नीचे समान रूप से बने हुए हों।
असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूब जाता है, जबकि नकली रुद्राक्ष तैर सकता है।
असली रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से खुरदुरा और भूरे रंग का होता है।
नकली रुद्राक्ष पर पॉलिश या केमिकल का उपयोग किया जा सकता है, जिससे वह अधिक चमकदार दिख सकता है।
असली रुद्राक्ष को गर्म सुई से छूने पर उसमें किसी प्रकार का जलने का निशान नहीं बनता, जबकि नकली रुद्राक्ष पर जलने के निशान पड़ सकते हैं।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष प्रमाणित विक्रेता से ही खरीदें, और प्रमाण पत्र ज़रूर लें।
कम कीमत के झांसे में न आएं, क्योंकि असली ग्यारह मुखी रुद्राक्ष की कीमत अधिक होती है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष शक्ति, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो मानसिक रूप से मजबूत बनना चाहते हैं या किसी कानूनी या संघर्षपूर्ण स्थिति से जूझ रहे हैं। इसे सही विधि से धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। यदि आप इस रुद्राक्ष को खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इसे प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें और धारण करने से पहले इसकी शुद्धि और पूजा अवश्य करें।
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