चंद्रमा को शांत करने वाला मोती रत्न लाता है मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन नकली या गलत मोती पहनना बढ़ा सकता है मानसिक तनाव। जानें पूरी जानकारी।
समुद्र में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक, गोल और सफेद रत्न, मोती जोकि चंद्रमा ग्रह से जुड़ा माना जाता है। यह रत्न मानसिक शांति, गुस्से पर नियंत्रण और त्वचा समस्याओं के लिए लाभकारी होता है। अगर आप जानना चाहते हैं इस रत्न के अन्य फायदे, पहचान, कीमत और धारण विधि के बारे में तो हमारे इस लेख को पढ़िए और जानिए मोती के बारे में सारी जरूरी जानकारी एक साथ...
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोती को धारण करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह खंडित न हो। खंडित मोती से नुकसान हो सकता है। इसे एक रात पहले दूध, गंगाजल, शहद, गोमूत्र और चीनी के मिश्रण में डुबोकर रखें। अगले दिन सुबह के समय इसे धारण करें। इससे जीवन की समस्याओं में धीरे-धीरे कमी आती है। हालांकि, इसको धारण करने से पहले किसी पंडित, ज्योतिषि से जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सफेद मोती मानसिक शांति प्रदान करने और गुस्से को नियंत्रित करने में सहायक होता है। साथ ही वैवाहिक जीवन भी खुशहाल रहता है। इसके अलावा, जो लोग त्वचा संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें भी मोती से लाभ मिल सकता है। मोती धारण करने से व्यक्ति को धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है और यह रत्न सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे जीवन में खुशहाली आती है।
हालांकि, आजकल फैशन के रूप में रत्न धारण करना आम हो गया है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्न शौकिया तौर पर धारण नहीं करना चाहिए। इसे बिना उचित सलाह के धारण करने से जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अगर मोती को सही तरीके से नहीं पहना जाए, तो यह नुकसान भी कर सकता है। अत: मोती धारण करने से पहले ज्योतिषी से परामर्श लेना जरूरी है, ताकि इसका सही लाभ लिया जा सके। रत्नों को बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के धारण करना, खासकर बिना ध्यान दिए, जीवन में अनचाहे परिणाम उत्पन्न कर सकता है।
मोतियों की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे उनका प्रकार, आकार, रंग, चमक, सतह की गुणवत्ता और मोटाई। सामान्य मोतियों की कीमत 300 से 1500 रुपये तक हो सकती है। उच्च गुणवत्ता वाले और डिजाइनर मोतियों की कीमत 10,000 रुपये तक हो सकती है।
मोती को हमेशा उसी हाथ की कनिष्ठिका (छोटी) उंगली में धारण करना चाहिए, जिससे आप अधिक काम करते हैं। मोती को आमतौर पर चांदी की अंगूठी में पहनने की सलाह दी जाती है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे सोने की अंगूठी में भी पहना जा सकता है। यह ध्यान रखें कि मोती को नीलम या गोमेद के साथ एक ही समय में नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि इनका प्रभाव एक-दूसरे से विपरीत होता है।
आमतौर पर कुछ राशियों के लिए मोती धारण करना शुभ माना जाता है। मेष राशि के जातक, जिनका चंद्रमा मजबूत हो मोती पहन सकते हैं। कर्क राशि के लिए चंद्रमा स्वामी होता है, इसलिए यह शुभ है। वृश्चिक और मीन राशि के लोगों के लिए भी मोती की अंगूठी धारण करना शुभ और प्रभावकारी होता है। क्योंकि चंद्रमा इन राशियों से जुड़ा होता है।
मोती रत्न को धारण करने के एक हफ्ते के भीतर असर दिखाना शुरू हो जाता है। मोती को मुख्य रूप से चंद्र ग्रह की शांति और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए पहना जाता है। हालांकि, इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली और ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है।
ज्योतिष के अनुसार, मोती को सोमवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। इसे चांदी या सफेद सोने की अंगूठी में जड़वाकर पहना जा सकता है। मोती को धारण करने से पहले उसे शुद्ध करना जरूरी होता है।
जानकारी के अनुसार, मोती को चांदी की धातु में पहनना शुभ माना जाता है। चांदी चंद्रमा से संबंधित होती है और इसे पहनने से मानसिक शांति और चंद्र ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
मोती उन व्यक्तियों के लिए शुभ होता है जिन्हें मानसिक शांति, त्वचा संबंधी समस्याएं या गुस्से पर नियंत्रण चाहिए। मोती को धारण करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है। क्योंकि यह हर व्यक्ति के लिए फलदायक नहीं होता।
असली मोती की पहचान करने के लिए कुछ आसान तरीके हैं। सबसे पहले, असली मोती चमकीले होते हैं जबकि नकली मोती दूधिया और फीके होते हैं। तापमान के हिसाब से असली मोती ठंडे होते हैं जबकि नकली मोती में यह ठंडक नहीं होती। वजन में भी असली मोती भारी होते हैं और छूने पर वे रेशमी महसूस होते हैं। असली मोती प्रकाश को पूरी तरह से परावर्तित करते हैं, जबकि नकली मोती ऐसा नहीं कर पाते।
असली मोती की सतह पर छोटी-छोटी वृद्धि रेखाएं होती हैं और उनके छेद भी बहुत छोटे होते हैं। टकराने पर असली मोतियों से धीमी और गहरी ध्वनि आती है, जबकि नकली मोतियों से खोखली आवाज़ सुनाई देती है। अगर आप मोती खरीदने जा रहे हैं, तो इसे तेज रोशनी में देखना चाहिए। वहीं, आवर्धक कांच से जांच करना चाहिए और अपने दांतों पर धीरे से रगड़कर उसकी स्थिरता की जांच करनी चाहिए। असली मोती का आकार में कुछ खामियां होती हैं और उसकी परतदार संरचना के कारण वह जीवंत प्रभाव देते हैं। इन सरल तरीकों से आप असली और नकली मोती की पहचान आसानी से कर सकते हैं।
Did you like this article?
जानिए प्रवाल रत्न (मूंगा) पहनने का सही तरीका, इसके ज्योतिषीय लाभ, संभावित नुकसान, बाजार में कीमत और असली-नकली मूंगे की पहचान कैसे करें।
जानिए एम्बर रत्न पहनने का सही तरीका, इसके ज्योतिषीय लाभ, संभावित नुकसान, बाज़ार कीमत और असली-नकली एम्बर की पहचान कैसे करें।
जानिए पुखराज रत्न पहनने का सही तरीका, इसके ज्योतिषीय लाभ, संभावित नुकसान, बाज़ार कीमत और असली-नकली पुखराज की पहचान कैसे करें।