हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि जो मनुष्य महा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक या महाभिषेक करता है, भगवान शिव उस जातक को अपनी शरण में ले लेते हैं, और उसपर समस्त शिवपरिवार की कृपादृष्टि होती है। महा
शिवरात्रि पर किये गए रुद्राभिषेक से जो अनेक लाभ हमें मिलते हैं, उनमें से विशेष हैं -
और ऐसे ही कई लाभ प्राप्त करने के लिए यदि आप महाशिवरात्रि के दिन अपने घर में ही रुद्राभिषेक पूजा करना चाहते हैं, तो उसकी सम्पूर्ण सामग्री कुछ इस प्रकार होगी।
शिवलिंग
यदि आप मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक कर रहे हैं, तो वहां स्थापित शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। यदि आप घर में ही रुद्राभिषेक करना चाहते हैं तो अष्टधातु, तांबा, या पीतल से बना शिवलिंग अथवा पार्थिव शिवलिंग पूजा में रखें।
श्रृंगी
अभिषेक करने वाले पात्र को श्रृंगी कहते हैं। यदि यह उपलब्ध नहीं हो सके तो आप आचमन पात्र के चम्मच से भी अभिषेक कर सकते हैं।
भोलेनाथ को प्रायः हल्दी अर्पित नहीं की जाती है, परन्तु मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन मास की महा शिवरात्रि पर भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन शिवजी को हल्दी अर्पित की जा सकती है।
महा शिवरात्रि की पूजा में शिवजी को 108 बिल्वपत्र एक-एक करके ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करते हुए अर्पित करना बहुत फलदायक होता है। परन्तु यदि आपके पास 108 बिल्वपत्र उपलब्ध न हो पाए तो शिवजी अपनी क्षमतानुसार बिल्वपत्र अवश्य चढ़ाएं।