महायक्षिणी कवच
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महायक्षिणी कवच

क्या आप रहस्यमयी यक्षिणी साधनाओं और तांत्रिक शक्तियों में रुचि रखते हैं? महायक्षिणी कवच आपको न केवल अदृश्य सुरक्षा बल्कि चमत्कारी सिद्धियाँ भी प्रदान करता है। जानें इसका सही पाठ और लाभ।

महायक्षिणी कवच के बारे में

महायक्षिणी कवच एक ऐसा तांत्रिक कवच है, जिसे अत्यंत गोपनीय और शक्तिशाली माना जाता है। यह न केवल तांत्रिक साधना का उच्चतम स्त्रोत है, बल्कि साधक को सिद्धियों, धन, ऐश्वर्य और सम्मोहन जैसी शक्तियों से भी समृद्ध करता है। चलिए इस आर्टिकल में हम जानेंगे महायक्षिणी कवच का महत्व, पाठ करने का तरीका और इसके लाभ के बारे में।

महायक्षिणी कवच क्या है?

तंत्र शास्त्र और देवी साधनाओं में महायक्षिणी कवच का विशेष स्थान है। यह कवच न केवल साधक को अदृश्य शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि जीवन में समृद्धि, विजय, और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी खोलता है। मान्यता है कि इस कवच के नियमित पाठ से व्यक्ति के जीवन में आने वाली हर बाधा दूर होती है, और साधक अजेय बन जाता है। इस लेख में हम आपको महायक्षिणी कवच के चमत्कारी लाभ, इसकी विशेषताएँ, और सही विधि से इसके पाठ की प्रक्रिया विस्तार से बताएंगे।

॥ महायक्षिणी कवच ॥

॥ श्री गणेशाय नमः ॥॥ श्री महायक्षिणीदेव्यै नमः ॥

ध्यानम् ॐ नमो यक्षिणीदेव्यै, महाशक्त्यै नमो नमः। सिंहारूढां महादेवीं, वन्दे भक्तार्तिनाशिनीम्॥

कवचम् शिरो मे रक्षतु यक्षिणी, ललाटं योगमायिका। नेत्रे मे रक्षतु दुर्गा, कर्णौ मे कालिका सदा॥

नासां मे रक्षतु भैरवी, वक्त्रं मे वाग्विलासिनी। कण्ठं मे पातु महाकाली, स्कन्धौ पातु महासती॥

भुजौ मे चण्डिकां रक्षेत्, करौ मे सिद्धिदायिनी। वक्षः स्थलं महालक्ष्मीः, हृदयं श्रीमहेश्वरी॥

नाभिं मे रक्षतु योगिनी, कटिं मे सर्वमंगला। ऊरू मे रक्षतु वाराही, जानुनी ज्वालामालिनी॥

पादौ मे चामुण्डा देवी, सर्वाङ्गं मे शिवप्रिया। सर्वसिद्धिप्रदा देवी, महायक्षिण्यै नमो नमः॥

फलश्रुति इदं कवचं पुण्यं, सर्वसिद्धिप्रदायकम्। भूतप्रेतपिशाचानां, नाशनं सर्वरक्षकम्॥

गुह्याद्गुह्यतमं दिव्यं, सर्वशत्रुनिवारणम्। महायक्षिण्याः कृपया, सिद्धिर्भवति निश्चिता॥

॥ इति श्रीमहायक्षिणी कवचं संपूर्णम् ॥

महायक्षिणी कवच के अद्भुत लाभ

1. तंत्र बाधाओं से मुक्ति

महायक्षिणी देवी को तंत्र शास्त्र की सबसे प्रभावशाली शक्तियों में से एक माना जाता है। इस कवच के पाठ से किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, तंत्र बाधा, भूत-प्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है।

2. अपार धन-संपत्ति और व्यापार में वृद्धि

व्यापार में निरंतर घाटा हो या आर्थिक समस्याएँ पीछा न छोड़ रही हों, तो महायक्षिणी कवच का पाठ चमत्कारी सिद्ध हो सकता है। यह कवच धन प्राप्ति के मार्ग खोलता है और जीवन में समृद्धि लाता है।

3. शत्रुओं पर विजय और कानूनी मामलों में सफलता

जो लोग बार-बार शत्रुओं के षड्यंत्र का शिकार होते हैं या कानूनी मामलों में फँसे रहते हैं, उनके लिए यह कवच संजीवनी के समान है। इसका प्रभाव साधक को मानसिक और आत्मिक शक्ति देता है, जिससे वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।

4. भय, चिंता और मानसिक परेशानियों का अंत

जो लोग हर समय किसी न किसी भय, चिंता या मानसिक तनाव से घिरे रहते हैं, उनके लिए यह कवच ढाल की तरह कार्य करता है। इसका पाठ मन को स्थिरता और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

5. आध्यात्मिक उन्नति और सिद्धियों की प्राप्ति

महायक्षिणी देवी के भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। साधक यदि निरंतर इसका जप करता है, तो वह साधना की उच्चतम स्थिति को प्राप्त कर सकता है।

महायक्षिणी कवच पाठ की विधि

महायक्षिणी कवच का पाठ किसी भी दिन आरंभ किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार, शुक्रवार या अमावस्या की रात विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।

सामग्री:

  • लाल रंग का आसन

  • महायक्षिणी देवी की प्रतिमा या चित्र

  • घी का दीपक और अगरबत्ती

  • लाल चंदन और कुंकुम

  • एक माला (रुद्राक्ष या स्फटिक)

पाठ विधि

  1. सबसे पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।

  2. एकांत स्थान पर लाल आसन बिछाकर उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके बैठें।

  3. _"_ॐ ह्रीं महायक्षिण्यै स्वाहा" मंत्र का 11 बार जप करें।

  4. अब घी का दीपक जलाएँ और महायक्षिणी देवी की आराधना करें।

  5. महायक्षिणी कवच का पाठ करें। इसे 11, 21 या 51 बार करना अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।

  6. अंत में देवी को प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त करें।

विशेष: यदि आप इस कवच का पूर्ण प्रभाव चाहते हैं, तो इसे 41 दिनों तक नियमित रूप से करें।

महायक्षिणी कवच एक रहस्यमयी और शक्तिशाली साधना है, जो जीवन में सफलता, सुरक्षा और समृद्धि लाने में सहायक होती है। सही विधि से इसका पाठ करने पर न केवल जीवन की समस्याएँ दूर होती हैं, बल्कि व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त बनता है।

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Published by Sri Mandir·April 10, 2025

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