गोपाल अक्षय कवच
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गोपाल अक्षय कवच

क्या आप जानते हैं कि गोपाल अक्षय कवच का पाठ करने से अक्षय पुण्य, समृद्धि और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है? जानें इसकी विधि, लाभ और प्रभावशाली श्लोक।

गोपाल अक्षय कवच के बारे में

गोपाल अक्षय कवच एक अत्यंत प्रभावशाली एवं दिव्य स्तोत्र है, जो भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों को संपूर्ण रक्षा प्रदान करता है। इस कवच का नित्य पाठ करने से जीवन में आने वाली हर प्रकार की बाधाओं का नाश होता है, और भक्त को मानसिक, शारीरिक एवं आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। यह कवच विशेष रूप से श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और संकटों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।

गोपाल अक्षय कवच (श्लोक)

श्री गणेशाय नमः ।

श्रीनारद उवाच ।

इन्द्राद्यमरवर्गेषु ब्रह्मन्यत्परमाऽद्भुतम् ।

अक्षयं कवचं नाम कथयस्व मम प्रभो ॥

यद्धृत्वाऽऽकर्ण्य वीरस्तु त्रैलोक्य विजयी भवेत् ।

ब्रह्मोवाच ।

शृणु पुत्र मुनिश्रेष्ठ कवचं परमाद्भुतम् ।

इन्द्रादिदेववृन्दैश्च नारायणमुखाच्छ्रतम् ॥

त्रैलोक्यविजयस्यास्य कवचस्य प्रजापतिः ।

ऋषिश्छन्दो देवता च सदा नारायणः प्रभुः ॥

ॐ अस्य श्री त्रैलोक्यविजयाक्षय कवचस्य प्रजापति ऋषि: ।

श्रीनारायणः परमात्मा देवता । धर्मार्थ काम मोक्षार्थे जपे विनियोगः ॥

पादौ रक्षतु गोविन्दो जङ्घे पातु जगत्प्रभुः ।

ऊरू द्वौ केशवः पातु कटी दामोदरस्ततः ।

वदनं श्रीहरिः पातु नाडीदेशं च मेऽच्युतः ॥

वामपार्श्वं तथा विष्णुर्दक्षिणं च सुदर्शनः ।

बाहुमूले वासुदेवो हृदयं च जनार्दनः ॥

कण्ठं पातु वराहश्च कृष्णश्च मुखमण्डलम् ।

कर्णौ मे माधवः पातु हृषीकेशश्च नासिके ॥

नेत्रे नारायणः पातु ललाटं गरुडध्वजः ।

कपोलं केशवः पातु चक्रपाणिः शिरस्तथा ॥

प्रभाते माधवः पातु मध्याह्ने मधुसूदनः ।

दिनान्ते दैत्यनाशश्च रात्रौ रक्षतु चन्द्रमाः ॥

पूर्वस्यां पुण्डरीकाक्षो वायव्यां च जनार्दनः ।

इति ते कथितं वत्स सर्वमन्त्रौघविग्रहम् ॥

तव स्नेहान्मयाऽऽख्यातं न वक्तव्यं तु कस्यचित् ।

कवचं धारयेद्यस्तु साधको दक्षिणे भुजे ॥

देवा मनुष्या गन्धर्वा यज्ञास्तस्य न संशयः ।

योषिद्वामभुजे चैव पुरुषो दक्षिणे भुजे ॥

निभृयात्कवचं पुण्यं सर्वसिद्धियुतो भवेत् ।

कण्ठे यो धारयेदेतत् कवचं मत्स्वरूपिणम् ॥

युद्धे जयमवाप्नोति द्यूते वादे च साधकः ।

सर्वथा जयमाप्नोति निश्चितं जन्मजन्मनि ॥

अपुत्रो लभते पुत्रं रोगनाशस्तथा भवेत् ।

सर्वतापप्रमुक्तश्च विष्णुलोकं स गच्छति ॥

॥ इति ब्रह्मसंहितोक्तं श्री गोपालाक्षय कवचम् सम्पूर्णम् ॥

गोपाल अक्षय कवच का पाठ करने के लाभ

संपूर्ण सुरक्षा कवच: यह कवच भगवान श्रीकृष्ण की अनंत कृपा को प्राप्त करने का माध्यम है और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।

धन, वैभव एवं समृद्धि: नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

स्वास्थ्य लाभ: यह पाठ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और गंभीर बीमारियों से रक्षा करता है।

मानसिक शांति एवं सकारात्मक ऊर्जा: इस कवच का जाप करने से तनाव, चिंता और अवसाद दूर होते हैं और मन को शांति मिलती है।

कर्म बाधाओं का नाश: जीवन में किसी भी प्रकार की विघ्न-बाधाओं का अंत कर यह कवच राह को प्रशस्त करता है।

दुष्ट ग्रहों और तंत्र-मंत्र से रक्षा: गोपाल अक्षय कवच का पाठ करने से अशुभ ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है और बुरी शक्तियां पास नहीं आतीं।

भक्त की हर इच्छा पूर्ण होती है: यह कवच भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से मनोकामनाओं की पूर्ति करवाने वाला माना जाता है।

संतान की प्राप्ति: इस कवच का पाठ करने से नि:संतानों को संतान की प्राप्ति होती है। पुत्र की कामना रखने वाले को पुत्र की प्राप्ति होती है।

गोपाल अक्षय कवच पाठ विधि

गोपाल अक्षय कवच का प्रभाव तभी पूर्ण रूप से मिलता है जब इसे विधि-विधान से किया जाए। नीचे इसकी संपूर्ण पाठ विधि दी गई है

पाठ करने का सही समय

  • प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00) में इसका पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है।
  • संध्या काल में भी पाठ किया जा सकता है।
  • यदि कोई विशेष सिद्धि प्राप्त करनी हो तो एकांत स्थान पर रात्रि में इसका जाप करना लाभकारी होता है।

पाठ के लिए आवश्यक सामग्री

  • श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र
  • शुद्ध घी का दीपक
  • तुलसी दल एवं पीले फूल
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल)
  • चंदन एवं धूप

पाठ विधि

  • स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और किसी पवित्र स्थान पर आसन लगाकर बैठें।
  • भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करें और उनके समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें।
  • 'ॐ श्रीकृष्णाय नमः' मंत्र का 108 बार जप करें।
  • श्रीकृष्ण को तुलसी पत्र और पीले फूल अर्पित करें।
  • गोपाल अक्षय कवच का पाठ श्रद्धा और भक्ति भाव से करें।
  • पाठ के बाद भगवान को भोग अर्पित करें और प्रसाद स्वरूप स्वयं ग्रहण करें।
  • इस कवच का नित्य पाठ करने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।

विशेष टिप्स

  • इस कवच का पाठ करते समय मन को एकाग्र रखना अत्यंत आवश्यक है।
  • इसे कम से कम 21 दिनों तक निरंतर पढ़ें तो विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
  • श्रीकृष्ण के किसी भी मंदिर में जाकर इसका पाठ करना भी अत्यंत फलदायी होता है।
  • इस कवच को रुद्राक्ष की माला के साथ जपने से इसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।

निष्कर्ष

गोपाल अक्षय कवच केवल एक स्तोत्र नहीं, बल्कि भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य कृपा को प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। जो भी व्यक्ति नित्य इस कवच का श्रद्धा से पाठ करता है, उसके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता और हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस कवच का प्रभाव संपूर्ण जीवन को बदलने की शक्ति रखता है। अतः जो भी भक्त श्रीकृष्ण की शरण में जाकर इस कवच का पाठ करता है, उसे निश्चित रूप से अक्षय फल प्राप्त होता है।

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Published by Sri Mandir·April 9, 2025

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