क्या आप जानना चाहते हैं मुंबई इस्कॉन मंदिर कब जाएं? कहाँ है? क्या देखें? फोटो और पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें और करें अपनी यात्रा को भक्तिमय।
मुंबई का इस्कॉन मंदिर एक शांत और आध्यात्मिक जगह हैं, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण से गहरा जुड़ाव महसूस होता है। यहाँ नियमित कीर्तन, भक्ति योग की क्लास, धार्मिक प्रवचन और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों का आयोजन होता है।
इस्कॉन मंदिर मुंबई श्रीकृष्ण भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। यहाँ जन्माष्टमी, होली जैसे सभी हिन्दू त्योहारों को मनाया जाता है। यह मंदिर अपने शांत वातावरण के लिए तो जाना ही जाता है साथ में यहाँ हर दिन भजन, कीर्तन और भक्ति योग जैसे कार्यक्रम भी किये जाते हैं। मुंबई जैसे भागदौड़ भरे शहर में अगर आप शांति खोज रहे हैं तो इस्कॉन मंदिर में आपको सच्चे सुख का अनुभव जरूर होगा।
मुंबई में इस्कॉन मंदिर जुहू और चौपाटी दोनों जगहों पर है। इस मंदिर को जुहू में श्री श्री राधा रासबिहारी मंदिर के नाम से जाता है और चौपाटी में इसको श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। जुहू में यह मंदिर हरे कृष्ण लैंड, जुहू चर्च रोड के पास बना है। चौपाटी में के.एम. मुंशी मार्ग, गिरगांव चौपाटी में इस्कॉन मंदिर है।
इस्कॉन की स्थापना 1966 में श्रील ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में की थी। इस संस्था का मकसद भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और वैदिक ज्ञान को पूरी दुनिया में फैलाना है।
मुंबई में इसकी नींव 1971 में रखी गई थी, जब प्रभुपाद जी भारत लौटे और मुंबई आए। उन्होंने जुहू के पास समंदर के किनारे इस शांत जगह को मंदिर बनाने के लिए चुना।
मंदिर की जमीन को लेकर कई सालों तक कानूनी और सामाजिक विवाद चलता रहा। भक्तों को कई बार मुश्किलों और विरोध का सामना करना पड़ा।
करीब 7 साल की मेहनत के बाद, 1978 में मंदिर बनकर तैयार हुआ और इसे भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। इस मंदिर को नाम मिला "श्री श्री राधा रासबिहारी मंदिर"।
इस मंदिर की शुरुआत 1990 के शुरुआती वर्षों में हुई थी। यह राधानाथ स्वामी महाराज जी के मार्गदर्शन में स्थापित हुआ, जो इस्कॉन के जाने-माने और आध्यात्मिक गुरु हैं। इस मंदिर का मकसद था शहर के युवाओं, नौकरीपेशा लोगों और छात्रों को भक्ति और वैदिक जीवन से जोड़ना।
इस्कॉन मुंबई के जुहू और चौपाटी में बने मंदिर में राधा-कृष्ण, गोपीनाथ, गौरा-निताई और राम-सीता-लक्ष्मण-हनुमान जी की सुंदर मूर्तियाँ स्थापित हैं।
मंदिर में हर दिन सुबह से लेकर रात तक भजन और कीर्तन होते हैं।
यहाँ बच्चों, युवाओं और बड़ों के लिए अलग-अलग समूहों में भक्ति और वैदिक शिक्षा दी जाती है।
मंदिर में भक्ति योग, ध्यान और साधना की कक्षाएँ भी चलती हैं। इससे लोग अपने जीवन में अध्यात्म को अपनाने की प्रेरणा पाते हैं।
जुहू इस्कॉन मंदिर में गोविंदा रेस्टोरेंट है, जहाँ शुद्ध और स्वादिष्ट सात्विक भोजन मिलता है।
इस दिन कीर्तन,नृत्य-नाटिका, रात 12 बजे विशेष आरती और 108 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।
यह दिन राधारानी के जन्म का पर्व है। इस मौके पर राधारानी का सुंदर श्रृंगार, फूलों से सजावट और भजन-कीर्तन होते हैं।
भगवान श्रीराम के जन्मदिन पर अभिषेक, रामायण का पाठ, कीर्तन और भव्य आरती की जाती है। इस दिन बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में एकत्र होते हैं।
यह दिन श्री चैतन्य महाप्रभु के प्रकट होने का पर्व है। इस दिन कीर्तन, प्रवचन और विशेष आरती होती है।
भगवान नित्यानंद जी के जन्मदिवस पर विशेष पूजा, अभिषेक, कीर्तन और प्रवचन होते हैं।
सावन के महीने में राधा-कृष्ण को फूलों से सजे झूले पर विराजमान कर झुलाया जाता है। यह उत्सव पाँच दिन चलता है।
मंदिर में दर्शन के बाद सभी भक्तों को फ्री में प्रसाद दिया जाता है। यह प्रसाद शुद्ध और सात्विक होता है, जिसे पहले भगवान को अर्पित किया जाता है।
जुहू इस्कॉन मंदिर में एक बहुत ही प्रसिद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट Govinda’s है। यहाँ बिना प्याज़ और लहसुन वाला स्वादिष्ट और सात्विक भोजन मिलता है।
इस्कॉन द्वारा चलाया जाने वाले "फूड फॉर लाइफ" कार्यक्रम का उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क भोजन प्रदान करना है। यह सेवा विशेष अवसरों पर या मंदिर परिसर के बाहर विशेष रूप से सक्रिय रहती है, जहाँ अधिक संख्या में लोगों तक भोजन पहुँचाया जाता है।
जन्माष्टमी, राधाष्टमी, राम नवमी जैसे त्योहारों पर 56 भोग (56 तरह के व्यंजन) बनाए जाते हैं। यह भोग पहले भगवान को अर्पित किया जाता है और फिर भक्तों में बाँटा जाता है।
छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट इस मंदिर से सबसे नजदीक है। मंदिर की दूरी यहाँ से करीब 6 से 7 किलोमीटर है। यह से आप टैक्सी, ऑटो करके आगे जा सकते हैं।
नज़दीकी स्टेशन हैं, विले पार्ले (पश्चिम) 2.5 किमी और अंधेरी (पश्चिम) 4 किमी की दूरी पर। स्टेशन से मंदिर तक जाने के लिए ऑटो, टैक्सी या बस मिल जाती है।
मुंबई के किसी भी कोने से आप BEST बस, टैक्सी या अपनी गाड़ी से इस मंदिर पहुँच सकते हैं। यह मंदिर जुहू चर्च रोड पर स्थित है और "हरे कृष्णा लैंड" के नाम से जाना जाता है।
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 20 से 22 किलोमीटर है। आप टैक्सी या ओला/उबर से सीधे मंदिर पहुँच सकते हैं।
नज़दीकी स्टेशन, चारनी रोड 1 किमी और ग्रांट रोड 1 किमी की दूरी पर है। इन स्टेशनों से मंदिर पैदल, ऑटो या टैक्सी से पहुँचा जा सकता है।
यह मंदिर गिरगांव चौपाटी के पास है और सड़क से आसानी से पहुँचा जा सकता है। बसें और टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं।
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