क्या आप जानना चाहते हैं इंदौर इस्कॉन मंदिर कब जाएं? कहाँ है? क्या देखें? फोटो और पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें और पाएं एक आध्यात्मिक अनुभव।
इस्कॉन मंदिर इंदौर निपानिया क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक पूजा स्थल है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और इसकी स्थापना ISKCON की शिक्षाओं के आधार पर की गई है।
पूरे भारत देश में श्रीकृष्ण को समर्पित इस्कॉन मंदिर हैं। इन्हीं में से एक है इंदौर के निपानिया में बना हुआ यह खास मंदिर। यहाँ रोज़ भक्ति, कीर्तन और सत्संग होते हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराते हैं। मंदिर की खूबसूरत बनावट, शांत माहौल और धार्मिक कार्यक्रमों की वजह से यह इंदौर के मुख्य दर्शनीय स्थलों में शामिल है। इस्कॉन इंदौर, जिसे श्री श्री राधा गोविंद मंदिर भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के निपानिया इलाके में बना हुआ है। यह मंदिर शहर के बीच से करीब 11 किलोमीटर दूर है। यह एक मशहूर धार्मिक जगह है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी को समर्पित है।
इस्कॉन यानी अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ की शुरुआत 1966 में न्यूयॉर्क में श्रील ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी। उनका उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति को पूरी दुनिया में फैलाना था। इंदौर में इस्कॉन की शुरुआत 2004 में एक छोटे अस्थायी मंदिर से हुई।
यह नया मंदिर मकराना के सफेद संगमरमर से सोमपुरा शैली में बनाया जा रहा है, जिससे यह लगभग 1500 साल तक टिकाऊ रहेगा। मंदिर लगभग ढाई एकड़ में फैला है। इसमें तीन मंजिला इमारत, आधुनिक रसोई, ऑडिटोरियम, अतिथियों के लिए रहने की जगह और ब्रह्मचारी आश्रम बनाया जा रहा है। मंदिर परिसर में एक गौशाला भी है, जहाँ करीब 20 गिर नस्ल की गायों की सेवा की जाती है।
इस्कॉन इंदौर निपानिया में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक स्थान है। यह मंदिर अपनी सुंदर बनावट, दिव्य मूर्तियों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।
मंदिर मकराना के सफेद संगमरमर से बना है और इसे पारंपरिक सोमपुरा शैली में बनाया गया है, जो इसे सैकड़ों सालों तक मजबूत बनाए रखेगा।
यह मंदिर तीन मंजिल का बना हुआ है जिसमें एक गुंबद, खूबसूरत पिलर और भारतीय संस्कृति को दर्शाती हुई आर्ट्स भी है। मंदिर के हर तरफ सुंदर बगीचे, पानी और शांत वातावरण है, जो ध्यान और भक्ति के लिए आदर्श है।
यहाँ भगवान श्री राधा गोविंद, श्री जगन्नाथ, बलराम, सुभद्रा और गौर निताई की भव्य मूर्तियाँ स्थापित हैं। हर दिन भजन, कीर्तन, आरती और विशेष पूजा होती है, जिसमें कई श्रद्धालु भाग लेते हैं।
भक्तों के लिए गेस्ट रूम्स , ब्रह्मचारी आश्रम, बुक सेंटर और वेलकम सेंटर मौजूद हैं। फूड फॉर लाइफ कार्यक्रम में जो भी लोग आते हैं उन सभी को स्वादिष्ट प्रसाद दिया जाता है।
यहाँ नियमित रूप से भगवद गीता, वैदिक ज्ञान, सत्संग, कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। यह मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण की भक्ति को समझने और अनुभव करने का केंद्र भी है।
मंगला आरती सुबह 4:30 से 5:00 बजे तक
तुलसी आरती सुबह के 5:00 से 5:15 बजे तक
दर्शन आरती सुबह के 7:15 से 7:30 बजे तक
राजभोग आरती दोपहर 12:30 से 12:55 बजे तक
धूप आरती शाम 4:20 से 4:30 बजे तक
संध्या आरती
गर्मियों में शाम 7:00 से 7:30 बजे तक
सर्दियों में शाम 6:30 से 7:00 बजे तक
इस त्योहार को श्री चैतन्य महाप्रभु के जन्मदिन पर मनाया जाता है। इस दिन मंदिर में खास तौर पर कीर्तन, विशेष अभिषेक, कथावाचन और शाम की आरती होती है। यहाँ भगवान के भक्त दिनभर व्रत करते हैं और शाम को एकादशी का प्रसाद लेते हैं।
यह भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है। इस दिन मंदिर को सुंदर तरीके से सजाया जाता है।
यह दिन राधारानी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मंदिर में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और भोग अर्पण किया जाता है।
भगवान श्रीराम के जन्मदिन पर यह पर्व मनाया जाता है। मंदिर में विशेष पूजा होती है, कथा होती है और भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की झांकी के साथ रथयात्रा निकाली जाती है।
भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली जाती है। भक्त रथ को रस्सियों से खींचते हैं और कीर्तन करते हुए पूरे वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं।
इस्कॉन इंदौर की भक्त रसोई हर दिन सैकड़ों भक्तों और आगंतुकों के लिए स्वादिष्ट और पौष्टिक कृष्ण प्रसाद तैयार करती है।
सेवा की शुरुआत सुबह के ताजे और स्वादिष्ट नाश्ते से होती है। इसके बाद दोपहर का पौष्टिक भोजन तैयार किया जाता है।
रसोई की टीम यह ध्यान रखती है कि खाना बर्बाद न हो। जो प्रसाद बच जाता है, उसे शाम को दोबारा वितरित किया जाता है।
खाने की गुणवत्ता की निगरानी की जाती है ताकि कोई भी भोजन खराब न हो। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।
यहाँ उपयोग होने वाले अधिकतर खाद्य पदार्थ जैविक (ऑर्गेनिक) स्रोतों से लिए जाते हैं, जिससे भोजन और भी शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक बनता है।
कृष्णा हॉल में दोपहर का भोजन (भोग प्रसादम) कूपन के माध्यम से वितरित किया जाता है।
मंदिर में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक भोजन की सुविधा उपलब्ध रहती है।
इंदौर जंक्शन रेलवे स्टेशन ISKON मंदिर से करीब 12 किलोमीटर दूर है। यहाँ से आप ऑटो-रिक्शा,टैक्सी या बस से आसानी से मंदिर पहुँच सकते हैं।
देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट मंदिर से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से टैक्सी या कैब लेकर आप करीब 40 से 50 मिनट में मंदिर पहुँच सकते हैं।
इंदौर शहर में AICTSL (अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट) की बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। आप निपानिया की ओर जाने वाली बस पकड़कर सीधे मंदिर पहुँच सकते हैं।
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