होलिका दहन कब है? भद्राकाल से बचें
‘भक्ति में है शक्ति’ इस बात को साक्षात चरितार्थ करने वाला पर्व है होलिका दहन! कई जगहों पर इसे छोटी होली के नाम से भी जानते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है।
- पूर्णिमा प्रारम्भ - 06 मार्च, सोमवार को 04:17 PM से
- पूर्णिमा समाप्त - 07 मार्च, मंगलवार को 06:09 PM तक
होलिका दहन - 6 मार्च को मनाएं या 7 मार्च को
इस वर्ष कई भक्तजन इस दुविधा में है कि होलिका दहन 6 मार्च को किया जाए या 7 मार्च को! अब चूँकि कई स्थानों पर उदयव्यापिनी पूर्णिमा तिथि को ज्यादा मान्यता दी जाती है, इसीलिए वर्ष 2023 में 07 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा।
7 मार्च को आप कब कर सकते हैं होलिका दहन?
बात करें होलिका दहन के शुभ मुहूर्त कि तो उदयव्यापिनी पूर्णिमा तिथि पर प्रदोष काल में होलिका दहन किया जा सकता है। इस तरह आप 7 मार्च को सूर्यास्त के बाद लगभग ढाई घंटे की अवधि में होलिका दहन कर सकते हैं।
इसके साथ ही यदि आप विभिन्न शहरों में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो श्रीमंदिर पर उपलब्ध ‘आपके शहर में कब होगा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त’ अवश्य पढ़ें।
आइये अब जानें होलिका दहन और भद्राकाल का संबंध!
हिन्दू पंचांग के अनुसार भद्राकाल को किसी भी मांगलिक और पूजन कार्य करने के लिए उचित नहीं माना जाता है। ऐसे में होलिका दहन की तिथि पर भद्राकाल का विशेष ध्यान रखना होता है। इस वर्ष होलिका दहन पर भद्राकाल की अवधि 06 मार्च सोमवार को दोपहर 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी। वहीं 07 मार्च मंगलवार को प्रातः 05 बजकर 15 मिनट पर भद्राकाल समाप्त होगा।
- भद्रा आरम्भ - 06 मार्च सोमवार को 04:17 PM से
- भद्रा समापन - 07 मार्च मंगलवार को 05:15 AM तक
तो भक्तों, होलिका दहन के दिन भद्राकाल का विशेष ध्यान रखें और दहन करते समय इसकी अग्नि से सावधानी बरतें। शुभ मुहूर्त में होलिका दहन आपके लिए बहुत शुभकर होगा, और उस दहन की अग्नि में आपके जीवन में आने वाली हर पीड़ा, हर बाधा का नाश होगा।
इसी के साथ होली और होलिका दहन से जुड़ी अन्य जानकारियां श्रीमंदिर पर लेख और वीडियो के रूप में उपलब्ध हैं, इनका लाभ अवश्य उठाएं।