नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
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नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

"मातृभूमि के प्रति श्रद्धा को बढ़ाएं, 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे' भजन के पावन बोल अभी पढ़ें!"

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे भजन के बारे में

"नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे" भजन मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। ये भजन हमें अपनी संस्कृति, देश और धरोहर के प्रति गर्व की भावना से भर देता है। इसे गाने या सुनने से देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा की भावना जागृत होती है। यह भजन विशेष रूप से प्रेरणा प्रदान करता है और सामाजिक सद्भाव और एकता का संदेश देता है, जिससे समाज में सकारात्मकता का संचार होता है।

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम् ।

महामंगले पुण्यभूमे त्वदर्थे

पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते ॥१॥

प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्रांगभूता

इमे सादरं त्वां नमामो वयम्

त्वदीयाय कार्याय बद्धा कटीयम्

शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये ।

अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम्

सुशीलं जगद् येन नम्रं भवेत्

श्रुतं चैव यत् कण्टकाकीर्णमार्गम्

स्वयं स्वीकृतं नः सुगंकारयेत् ॥२॥

समुत्कर्ष निःश्रेयसस्यैकमुग्रम्

परं साधनं नाम वीरव्रतम्

तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा

हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राऽनिशम् ।

विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्

विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्

परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रम्

समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम् ॥३॥

॥ भारत माता की जय ॥

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Published by Sri Mandir·December 12, 2024

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