5 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, भूमिेश्वरी जयंती, ओणम, प्रदोष व्रत और शिक्षक दिवस का महत्व और पूजा विधि।
5 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व रखता है। इस दिन कौन से व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, इनके पीछे की मान्यताएं और पौराणिक महत्व क्या है, साथ ही कौन से शुभ मुहूर्त आपके लिए लाभकारी साबित होंगे, यह जानना रोचक होगा। इस लेख में जानिए 5 सितंबर 2025 से जुड़ी पूरी जानकारी, जो इस दिन को विशेष बनाती है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 5 सितंबर 2025 को कौन-से व्रत और पर्व मनाए जाएंगे तथा यह दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से क्यों खास है? 5 सितंबर 2025 शुक्रवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन चार प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे – भुवनेश्वरी जयंती, ओणम, प्रदोष व्रत और शिक्षक दिवस।
तिथि: शुक्ल-पक्ष त्रयोदशी – प्रातः 3:14 AM तक
नक्षत्र: श्रवण – रात 11:39 PM तक
योग: शोभन – दोपहर 1:53 PM तक
करण: कौलव – 3:40 PM तक
वार: शुक्रवार (देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित)
भुवनेश्वरी जयंती
इस दिन जगतजननी माता भुवनेश्वरी का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। मां भुवनेश्वरी त्रिपुरा सुंदरी का स्वरूप मानी जाती हैं और साधक को भक्ति, शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
ओणम
ओणम मुख्य रूप से केरल का महान पर्व है, जो भगवान वामन और राजा महाबली की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन लोग पुक्कलम (फूलों की सजावट), ओणम साद्य (भोजन) और वल्लमकली (नौका दौड़) के साथ हर्षोल्लास से पर्व मनाते हैं।
प्रदोष व्रत
शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है। व्रत करने से पापों का नाश होता है और परिवार में सुख-शांति आती है।
शिक्षक दिवस
5 सितंबर को भारत में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन गुरुजनों को सम्मान देने और शिक्षा के महत्व को समझने का अवसर है।
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां भुवनेश्वरी और भगवान शिव की विधिवत पूजा करें।
पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और फल अर्पित करें।
भुवनेश्वरी स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ करें।
व्रत रखने वाले दिनभर उपवास करें और संध्या समय शिव-आरती करें।
अभिजीत मुहूर्त: 11:31 AM से 12:21 PM
राहुकाल: 10:22 AM से 11:56 AM
गुलिक काल: 7:14 AM से 8:48 AM
यमघंट काल: 3:04 PM से 4:38 PM
सूर्योदय: 5:40 AM
सूर्यास्त: 6:13 PM
चंद्रोदय: 4:46 PM
चंद्रास्त: 2:52 AM
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: मकर
दिशाशूल: पश्चिम दिशा
चंद्रमा की स्थिति: दक्षिण दिशा
ऋतु: वर्षा
आयन: दक्षिणायन
5 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन भुवनेश्वरी जयंती, ओणम, प्रदोष व्रत और शिक्षक दिवस का विशेष आयोजन है। मां भुवनेश्वरी और भगवान शिव की पूजा करने से साधक को शक्ति, समृद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है, वहीं ओणम और शिक्षक दिवस समाज को एकता और ज्ञान का संदेश देते हैं।
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