5 दिसंबर 2025 को क्या है?
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5 दिसंबर 2025 को क्या है?

जानिए इस दिन का विस्तृत पंचांग, उद्भव एकादशी व्रत, एकादशी तिथि, हर्ष नक्षत्र, शुभ-अशुभ समय, योग, करिणा और इस दिन के धार्मिक महत्व से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी।

आज के दिन के बारे में

5 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक साधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए पूजा-पाठ, व्रत और दान से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जीवन में सौभाग्य के द्वार खुलते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिवस पर की गई भक्ति साधना मन को शांति प्रदान करती है और मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होती है।

5 दिसंबर 2025 को क्या है?: जानें इस दिन से जुड़ी रोचक बातें

क्या आप जानना चाहते हैं कि 5 दिसंबर 2025 को कौन-से व्रत, त्योहार और शुभ योग हैं? 5 दिसंबर 2025, शुक्रवार को कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन पौष मास का प्रारम्भ (उत्तर भारत में), रोहिणी व्रत और सिद्ध योग होने से यह तिथि धार्मिक दृष्टि से विशेष मानी जाती है। हेमंत ऋतु, पौष मास और शुक्रवार का संयोग इसे शुभ कार्यों तथा देवी–देवताओं की साधना के लिए उत्तम बनाता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: कृष्ण पक्ष प्रतिपदा - रात 12:57 AM तक
  • नक्षत्र: रोहिणी - सुबह 11:47 AM तक
  • योग: सिद्ध - सुबह 8:09 AM तक
  • करण: बालव - दोपहर 2:50 PM तक
  • वार: शुक्रवार
  • मास (अमांत): मृगशिरा
  • मास (पूर्णिमांत): पौष
  • विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
  • शक संवत: 1947 (विश्ववासु)
  • सूर्य राशि: वृश्चिक
  • चंद्र राशि: वृष
  • ऋतु: हेमंत
  • अयन: दक्षिणायन
  • दिशाशूल: पश्चिम दिशा
  • चंद्र निवास: दक्षिण

त्योहार व पर्व

1. पौष प्रारम्भ (उत्तर भारत)

इस दिन पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार पौष मास की शुरुआत होती है। पौष मास भगवान सूर्य की उपासना, दान-पुण्य और तपस्या के लिए विशेष माना जाता है।

2. रोहिणी व्रत

रोहिणी नक्षत्र पर किया जाने वाला यह व्रत सुख-समृद्धि, शांति और परिवार की मंगलकामनाओं के लिए फलदायी है। विशेष रूप से स्त्रियों के लिए यह व्रत शुभ माना जाता है।

शुभ-अशुभ समय

  • शुभ मुहूर्त: 11:28 AM से 12:10 PM
  • राहुकाल: 10:30 AM से 11:49 AM
  • गुलिक काल: 7:50 AM से 9:10 AM
  • यमघंट काल: 2:29 PM से 3:49 PM

सूर्य और चंद्र विवरण

  • सूर्योदय: 6:30 AM
  • सूर्यास्त: 5:09 PM
  • चंद्रोदय: 5:23 PM
  • चंद्रास्त: 6:48 AM

पूजा-व्रत विधि

  • सुबह स्नान कर पौष मास के आरंभ की शुभकामनाओं के साथ सूर्य देव का अर्घ्य दें।

  • रोहिणी व्रत करने वाले महिलाएँ स्वच्छता, ब्रह्मचर्य और मानसिक शांति का पालन करें।

  • भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत शुभ रहता है।

  • सिद्ध योग में जप, ध्यान और दान करने का विशेष महत्व है।

  • संध्या समय दीपक जलाकर देवी–देवताओं की आरती करें।

निष्कर्ष

5 दिसंबर 2025 का दिन पौष मास के प्रारम्भ, रोहिणी व्रत और सिद्ध योग के कारण अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य पूजा, व्रत, दान और ध्यान करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, घर में समृद्धि आती है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।

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Published by Sri Mandir·December 4, 2025

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