4 सितंबर 2025 को क्या है?
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4 सितंबर 2025 को क्या है?

4 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, कल्कि द्वादशी, पार्श्व एकादशी और वामन जयंती का महत्व और पूजा विधि।

आज के दिन के बारे में

4 सितंबर 2025 का दिन श्रद्धा और धार्मिक महत्व से जुड़ा होगा। इस दिन पड़ने वाले व्रत और त्योहार न केवल आस्था को गहरा करेंगे, बल्कि इनके पीछे की पौराणिक मान्यताएं भी जानने लायक हैं। साथ ही, इस दिन के शुभ मुहूर्त आपके कार्यों के लिए खास रह सकते हैं। इस लेख में जानिए 4 सितंबर 2025 से जुड़ी पूरी और खास जानकारी, जो इस दिन को विशेष बनाती है।

4 सितंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 4 सितंबर 2025 को कौन-से व्रत और पर्व हैं तथा यह दिन धार्मिक दृष्टि से इतना खास क्यों है? 4 सितंबर 2025 गुरुवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन तीन प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे कल्कि द्वादशी, पार्श्व एकादशी और वामन जयंती। यह दिन भगवान विष्णु की विशेष आराधना के लिए शुभ माना जाता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: द्वादशी (शुक्ल पक्ष) – प्रातः 4:09 AM तक

  • नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा – रात 11:44 PM तक

  • योग: सौभाग्य – दोपहर 3:22 PM तक

  • करण: बाव – 4:15 PM तक

  • वार: गुरुवार (भगवान विष्णु और बृहस्पति को समर्पित)

पर्व और महत्व

कल्कि द्वादशी

इस दिन भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि की उपासना की जाती है। माना जाता है कि कल्कि अवतार कलियुग के अंत में अधर्म और पाप का नाश करने के लिए प्रकट होंगे। कल्कि द्वादशी पर उपवास और पूजा करने से भक्तों को जीवन में विजय और धर्मपरायणता का आशीर्वाद मिलता है।

पार्श्व एकादशी

यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भक्तजन उपवास कर श्रीहरि का ध्यान करते हैं। मान्यता है कि पार्श्व एकादशी का व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वामन जयंती

भाद्रपद शुक्ल द्वादशी को भगवान विष्णु के वामन अवतार का जन्मोत्सव मनाया जाता है। वामन भगवान ने बलि राजा से तीन पग भूमि माँगकर त्रैलोक्य को अधर्म से मुक्त कराया था। वामन जयंती पर उपासना करने से जीवन में धर्म, संतोष और उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।

पूजा विधि

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

  • भगवान विष्णु के कल्कि और वामन स्वरूप की पूजा करें।

  • तुलसीदल, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

  • विष्णु सहस्रनाम और विष्णु स्तुति का पाठ करें।

  • उपवास रखकर दिनभर श्रीहरि का ध्यान करें।

  • संध्या समय आरती और भजन-कीर्तन करें।

शुभ-अशुभ समय

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:33 AM से 12:23 PM

  • राहुकाल: 1:32 PM से 3:06 PM

  • गुलिक काल: 8:49 AM से 10:23 AM

  • यमघंट काल: 5:41 AM से 7:15 AM

सूर्योदय और सूर्यास्त

  • सूर्योदय: 5:41 AM

  • सूर्यास्त: 6:15 PM

  • चंद्रोदय: 4:05 PM

  • चंद्रास्त: 1:52 AM

ग्रह और राशि

  • सूर्य राशि: सिंह

  • चंद्र राशि: मकर

  • दिशाशूल: दक्षिण दिशा

  • चंद्रमा की स्थिति: दक्षिण दिशा

  • ऋतु: वर्षा

  • आयन: दक्षिणायन

निष्कर्ष

4 सितंबर 2025 का दिन अत्यंत पावन और शुभ है। इस दिन कल्कि द्वादशी, पार्श्व एकादशी और वामन जयंती के पर्व एक साथ पड़ रहे हैं। इन व्रतों और पर्वों का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि तथा पापों से मुक्ति मिलती है।

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Published by Sri Mandir·September 4, 2025

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