
21 अक्टूबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, व्रत और पूजा का महत्व, शुभ-अशुभ समय और आराधना से जुड़ी खास जानकारी।
दान-पुण्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किए गए कर्मों का प्रभाव लंबी अवधि तक सकारात्मक रूप से महसूस होता है। घर में सुख-शांति और सामंजस्य बना रहता है, और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। आइए जानें 21 अक्टूबर 2025 के धार्मिक महत्व और इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 21 अक्टूबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है? 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। यह दिन कार्तिक अमावस्या और दर्श अमावस्या के लिए प्रसिद्ध है। अमावस्या के दिन पितरों की तर्पण और दान पुण्य करने से उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति का अनुभव होता है।
अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्र के विपरीत स्थिति में होने के कारण यह दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन पितरों के लिए तर्पण, दान और पुण्य कर्म करने से पितृ दोष समाप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
यह दिन विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठान, जप और ध्यान के लिए उत्तम माना जाता है। अमावस्या रात को शिव, गणेश और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करने से मन की शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
सूर्योदय: 6:00 AM सूर्यास्त: 5:26 PM चंद्रोदय: 5:40 AM चंद्रास्त: 5:10 PM
21 अक्टूबर 2025 का दिन अमावस्या होने के कारण अत्यंत धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दिन पितरों को तर्पण, दान और देवी-देवताओं की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। अमावस्या का यह दिन अंधकार और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।
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