20 अगस्त 2025 को क्या है?
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

20 अगस्त 2025 को क्या है?

20 अगस्त 2025 को क्या है? जानें इस दिन का पंचांग, शुभ मुहूर्त, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान।

आज के दिन के बारे में

20 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दिन कौन-कौन से व्रत, त्योहार और पूजा-अर्चना होगी, इनके पीछे की पौराणिक कथाएं क्या कहती हैं और कौन से रहेंगे शुभ मुहूर्त, यह जानना रोचक होगा। इस लेख में जानिए 20 अगस्त 2025 से जुड़ी पूरी और महत्वपूर्ण जानकारी, जो इस दिन को खास बनाती है।

20 अगस्त 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 20 अगस्त 2025 को कौन-सी तिथि, व्रत या पर्व है? यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है? आइए जानते हैं। 20 अगस्त 2025 को बुधवार हैं और यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृयोदशी तिथि है, जो द्वादशी तिथि के बाद प्रारंभ होती है और अगले दिन चतुर्दशी तक बनी रहती है। इस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव-परिवार को समर्पित माना जाता है, इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: कृष्ण द्वादशी से तृयोदशी का संक्रमण

  • नक्षत्र: पुनर्वसु रात में प्रारंभ, फिर पुष्य

  • योग: सिद्धि योग से प्रारंभ, फिर व्यतीपात योग

  • वार: बुधवार — जो शिव जी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ है

व्रत और धार्मिक महत्व

बुध प्रदोष व्रत

  • भगवान शिव एवं माता पार्वती को समर्पित यह व्रत पितृ-दोष निवारण, आरोग्य और घर-शांति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

  • इस दिन पूजा, आरती, व्रत और दान-पुण्य से विशेष लाभ मिलते हैं।

राहुकाल व शुभ मुहूर्त

  • राहुकाल: दोपहर 12:30 बजे से 2:05 बजे तक (शुभ कार्यों से बचें)

  • अमृतकाल: रात 10:07 बजे से 11:39 बजे तक (पूजा-पाठ और महत्वपूर्ण कर्मों के लिए उत्तम समय)

  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः लगभग 4:33 से 5:21 बजे तक (श्रद्धा, ध्यान और साधना के लिए आदर्श समय)

पूजा विधि

  1. सुबह स्नान कर महाशिवालय या घर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।

  2. बिल्वपत्र, दूध, फल, गंगाजल, धूप-दीप अर्पित करें।

  3. शिव मंत्र जपें — जैसे “ॐ नमः शिवाय”।

  4. सेवाधर्म (दान, भोजन, वस्त्र) का आयोजन करें।

  5. रात्रि को भोलेनाथ की आरती एवं शिव स्तोत्र पाठ करें।

निष्कर्ष

20 अगस्त 2025 का दिन बुध प्रदोष व्रत धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह तृयोदशी व्रत शिव-परिवार की कृपा पाने का सुअवसर बनाता है। विशेष पूजा, व्रत और दान से पितृ-दोष शांति, आरोग्य, तथा परिवार में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

divider
Published by Sri Mandir·August 12, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook