
2 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, गौरी विसर्जन का महत्व, शुभ-अशुभ समय और देवी गौरी की कृपा पाने का अवसर।
2 सितंबर 2025 का दिन आस्था और परंपराओं से भरपूर होगा। इस दिन कौन से व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे, इनके पीछे की धार्मिक मान्यताएं और पौराणिक महत्व क्या है, साथ ही कौन से शुभ मुहूर्त आपके लिए खास रहेंगे, यह जानना दिलचस्प होगा। इस लेख में जानिए 2 सितंबर 2025 से जुड़ी पूरी और खास जानकारी, जो इस दिन को महत्वपूर्ण बनाती है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 2 सितंबर 2025 को कौन-सा पर्व है और यह दिन क्यों खास है?
2 सितंबर 2025 मंगलवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। इस दिन गौरी विसर्जन का शुभ अवसर मनाया जाएगा। गौरी विसर्जन विशेष रूप से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ किया जाता है। यह पर्व स्त्रियों के लिए सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
तिथि: दशमी (शुक्ल पक्ष) – 3:54 AM तक
नक्षत्र: मूल – 9:52 PM तक, उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र प्रारंभ
योग: प्रीति – 4:40 PM तक
करण: तैतिल – 3:18 PM तक
वार: मंगलवार (भगवान हनुमान और मंगलदेव को समर्पित)
गौरी विसर्जन, गौरी पूजा के समापन का पर्व है। गौरी माता को घर में आमंत्रित कर 1–3 दिन तक उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद इस दिन उन्हें जल में विसर्जित किया जाता है। मान्यता है कि देवी गौरी को घर लाने से सुख-समृद्धि आती है और विसर्जन के समय उन्हें विदा करने से परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है। विशेष रूप से विवाहित स्त्रियां इस दिन देवी गौरी से अखंड सौभाग्य और परिवार की मंगलकामना करती हैं।
पूजा विधि
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और देवी गौरी की आराधना करें।
पुष्प, फल, सुहाग सामग्री और नैवेद्य अर्पित करें।
परिवार सहित देवी की आरती करें।
विसर्जन के समय देवी से प्रार्थना करें कि वे घर-परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखें।
मूर्ति या प्रतिमा का विधिपूर्वक जल में विसर्जन करें।
शुभ-अशुभ समय
अभिजीत मुहूर्त: 11:32 AM से 12:22 PM
राहुकाल: 3:06 PM से 4:41 PM
गुलिक काल: 11:57 AM से 1:32 PM
यमघंट काल: 8:48 AM से 10:22 AM
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: 5:39 AM
सूर्यास्त: 6:16 PM
चंद्रोदय: 2:28 PM
चंद्रास्त: 12:51 AM
ग्रह और राशि
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: धनु
दिशाशूल: उत्तर दिशा
चंद्रमा की स्थिति: पूर्व दिशा
ऋतु: वर्षा
आयन: दक्षिणायन
2 सितंबर 2025 का दिन गौरी विसर्जन के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व भक्ति, आस्था और पारिवारिक सुख-समृद्धि का प्रतीक है। देवी गौरी को श्रद्धा से पूजने और विसर्जन करने से घर-परिवार में शांति, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।
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