15 अगस्त 2025 को क्या है? जानें स्वतंत्रता दिवस का इतिहास, धार्मिक महत्व और इस दिन के शुभ मुहूर्त।
15 अगस्त 2025 का दिन हर भारतीय के लिए गर्व और उत्साह से भरा होता है, क्योंकि इस दिन हम अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, यह दिन धार्मिक दृष्टि से भी खास महत्व रखता है? इस दिन की तिथि, व्रत, त्योहार और शुभ मुहूर्त से जुड़ी रोचक जानकारी इस लेख में जानिए, जो इस दिन को आपके लिए और भी खास बना देगी।
15 अगस्त 2025 का दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है, क्योंकि इसी दिन हमारे देश ने आज़ादी की सांस ली थी। इस वर्ष भारत अपना 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। राष्ट्रीय महत्व के साथ-साथ यह दिन धार्मिक दृष्टि से भी खास है। 15 अगस्त 2025 को शुक्रवार होगा और यह श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी, जो रात्रि 2:07 बजे से प्रारंभ होकर रात 11:50 बजे तक बनी रहेगी। आइए जानते हैं इस दिन होने वाले व्रत, त्योहार और मूहुर्त के बारे में।
तिथि: कृष्ण पक्ष सप्तमी
नक्षत्र: अश्विनी (सुबह तक), फिर भारणी
योग: गंड योग (सुबह तक), फिर वृद्धि योग
करण: विश्ठि, फिर बव, और बाद में बालव
वार: शुक्रवार (माता लक्ष्मी को समर्पित व्रत हेतु विशेष शुभ)
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:24 AM – 5:07 AM
अभिजीत मुहूर्त: 11:59 AM – 12:52 PM
विजय मुहूर्त: 2:37 PM – 3:30 PM
संध्या/गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:00 PM – 8:05 PM
अमृतकाल: मध्यरात्रि से आरंभ होकर (15 अगस्त सुबह 1:36 से 16 अगस्त सुबह 3:06 तक)
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी: कृष्ण सप्तमी तिथि के आधार पर हर माह मनाया जाने वाला मासिक जन्माष्टमी आज है—भगवान कृष्ण की उपासना, व्रत, कीर्तन और दान-पुण्य का यह पवित्र अवसर है।
शीतला सप्तमी (शीतला सातम): विशेष रूप से गुजराती समुदाय में मनाया जाने वाला यह पर्व देवी शीतला की पूजा हेतु माना जाता है। इस दिन आमतौर पर नया खाना नहीं पकाया जाता; पूर्व में बनाया हुआ भोजन ग्रहण करने की परंपरा रहती है।
काली जयंती: देवी काली की पूजा-अर्चना करने का दिन, जो शक्ति और सुरक्षा की भावना को दर्शाता है।
शुक्रवार व्रत: यह दिन माता लक्ष्मी को समर्पित व्रत रखने हेतु भी बेहद शुभ माना जाता है।
15 अगस्त 2025, शुक्रवार का दिन, कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि, मासिक जन्माष्टमी, शीतला सप्तमी और काली जयंती का संगम है, जो पूजा, व्रत, कीर्तन और धार्मिक साधना के लिए अत्यंत गुणकारी अवसर प्रदान करता है। माता लक्ष्मी, देवी श्री कृष्ण और देवी काली तीनों की कृपा एक ही दिन पर प्राप्त करने का यह अनुपम अवसर है।
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