12 अगस्त 2025 को क्या है?
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12 अगस्त 2025 को क्या है?

12 August 2025 Ko Kya Hai? जानिए भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि, इसके व्रत नियम और इस दिन के धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से।

आज के दिन के बारे में

12 अगस्त का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष है। इस दिन बहुला चतुर्थी व्रत मनाया जाता है, जिसमें गाय (बहुला) की पूजा के माध्यम से परिवार की खुशहाली, बच्चों की दीर्घायु और सुख-शांति की कामना की जाती है। इस लेख में जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसकी पारंपरिक महत्ता, जो इसे एक महत्वपूर्ण धर्मिक दिन बनाते हैं।

12 अगस्त 2025 को क्या है?

12 अगस्त 2025 मंगलवार का दिन है। इस दिन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि प्रातः 8:41 बजे तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ हो जाएगी। यह चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी के नाम से प्रसिद्ध है और मंगलवार को पड़ने के कारण इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। यह दिन गणेशजी की उपासना और व्रत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: भाद्रपद कृष्ण पक्ष तृतीया (सुबह 8:41 बजे तक), उसके बाद चतुर्थी

  • नक्षत्र: पूर्वभाद्रपदा (सुबह 11:52 बजे तक), फिर उत्तरभाद्रपदा

  • योग: सुकर्मा (शाम 6:53 बजे तक), फिर धृति

  • करण: विष्टि (सुबह तक), फिर बव, और उसके बाद बालव

  • वार: मंगलवार

इस दिन के प्रमुख पर्व और महत्व

  1. संकष्टी चतुर्थी: गणेशजी को समर्पित यह व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस दिन उपवास रखकर चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।

  2. अंगारकी संकष्टी: जब संकष्टी चतुर्थी मंगलवार को आती है तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन व्रत करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

  3. कजरी तीज (कुछ क्षेत्रों में) उत्तर भारत के कुछ इलाकों में यह दिन कजरी तीज के रूप में भी मनाया जाता है, जो विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए पति की लंबी उम्र की कामना का पर्व है।

पूजा और व्रत विधि

  1. प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।

  2. घर के पूजास्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।

  3. गणेशजी की प्रतिमा को स्नान कराएं और लाल वस्त्र पहनाएं।

  4. दूर्वा, लाल पुष्प, मोदक और लड्डू अर्पित करें।

  5. गणेश चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें और आरती करें।

  6. दिनभर व्रत रखें और रात में चंद्रमा के दर्शन करके अर्घ्य दें।

  7. चंद्रदर्शन के बाद ही व्रत का पारण करें।

शुभ-अशुभ समय

  • सूर्योदय: प्रातः 6:06 बजे

  • सूर्यास्त: सायं 6:57 बजे

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:06 से 12:57 बजे तक

  • राहुकाल: 3:44 बजे से 5:21 बजे तक (इस समय शुभ कार्य से बचें)

  • यमगण्ड काल: 9:18 बजे से 10:55 बजे तक

धार्मिक महत्व

संकष्टी चतुर्थी व्रत को गणेशजी की कृपा प्राप्त करने का अत्यंत प्रभावी उपाय माना गया है। विशेषकर अंगारकी चतुर्थी पर व्रत रखने से सभी प्रकार के संकट, रोग और कष्ट दूर होते हैं। भक्त की बुद्धि, धन और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

निष्कर्ष

12 अगस्त 2025 का दिन गणेश उपासना, व्रत और आस्था के लिए अत्यंत शुभ है। तृतीया तिथि के बाद चतुर्थी शुरू होते ही संकष्टी व्रत का माहात्म्य आरंभ हो जाएगा। मंगलवार के दिन आने से यह और भी विशेष हो जाता है। इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक गणेशजी की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

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Published by Sri Mandir·August 12, 2025

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